कर्नल कोठियाल की नर्सरी से तैयार होती फौज :
“मेरा नाम रोहित सिह है, और मैं पौडी गढ़वाल कोट ब्लाक के पाली गाँव से हूं। मेरे पिता श्री बलबन्त सिह गाँव मे खेतीबाडी करते है। मै सेना मे भर्ती होने का सपना लेकर 5 फरवरी 2018 को श्रीनगर (गढ़वाल) के यूथ फाउंडेशन के ट्रेनिंग कैम्प (सेरा कैम्प) मे श्रीनगर चौरास आया ।
मैने 2 महीने यूथ फाउंडेशन मे कठिन प्रशिक्षण लिया। मेरे ट्रेनर कैप्टन कलम सिह रमोला जी और मनोज सर थे। मेरे साथ 150 लडके और भी ट्रेनिंग ले रहे थे। हमारे प्रशिक्षक जयबीर रावत, हमे ट्रेनिंग देने गंगा किनारे रेत के विशाल रौखड मे ले जाते थे। उन्होंने हमे उस रौखड मे खूब रगडा दिया, खूब फ्रंट रोल, बैक रोल खिलाए, खूब क्रालिंग कराई. कभी कभी कष्टों से आंसू आ जाते था, घर भाग जाने का मन करता था। पर अपनी मां , दोनों बहनो और पापा को याद कर के उन के सपनो को पूरा करने के लिए मै सब कुछ भूल जाता धा। मेरा एक ही सपना था, सेना मे जाने का और अपने परिवार का सहारा बनने का; और इसे पूरा किया यूथ फाउंडेशन ने ।
अप्रैल 2018 में कोटद्वार मे सेना की भर्ती में दौड़ मे अव्वल आ कर और मेडिकल फिट होकर मै फिर से लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए यूथ फाउडेशन के गुप्तकासी कैम्प में पहुँचा । वहां पर दिलबर सर, देवेन्द्र गुरु जी, बलदेव गुरु जी थे । उन्होंने 2 महीने दिन रात लिखित परीक्षा की तैयारी कराई । दिलबर सर रात को 11 बजे कमरे मे डंडा लेकर चैक करने आते थे । अगर कोई सोया मिलता तो उस को मुर्गा बना कर 1 घंटा 10 सवाल तोते की तरह रटाते थे । आज भी मुझे वो दिन बहुत याद आते है ।
जब रिजल्ट आया तो मेरा और मेरे गरीब परिवार का खुशी का ठिकाना नही रहा ।
मेरा चयन महार रेजिमेट के लिए हुआ । मैने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली और अब महार रेजीमेंट का हिस्सा बन कर देश सेवा के लिए कश्मीर घाटी जा रहा हू।
यह सव कुछ संभव हुआ कर्नल अजय कोठियाल कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, विशिष्ट सेवा मैडल के कारण व मेरे प्रशिक्षको और गुरुजनो के कारण । इनके कारण ही आज मेरे और मेरे परिवार के सपने पूरे हुए हैं ।”
जय हिन्द !!
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