उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश कुमार ने देहरादून के मुख्य परिसर में कई वर्षों से जमे योगिता धूलिया, मृणाल धूलिया और नीरज धूलिया को परिसर छोड़ने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
डॉ राजेश कुमार ने इन को एक नोटिस जारी करके कहा है कि वह अवैध रूप से शासकीय संपत्ति और भवनों पर कब्जा किए हुए हैं।
डॉ अधाना ने कहा कि यदि यह लोग 24 घंटे के अंदर परिसर नहीं छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
पर्वतजन से बातचीत में डॉ राजेश कुमार ने कहा कि यह लोग काफी लंबे समय से विभिन्न अनियमितताओं में लिप्त थे तथा इन्होंने परिसर के भवनों पर अपना कब्जा जमा रखा था। जिसमें यह लोग अपना व्यवसाय संचालित कर रहे थे। ऐसे लोग भी परिसर में रह रहे थे जो विश्वविद्यालय में काम नहीं करते।
FIR दर्ज करने का आवेदन
गौरतलब है कि प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश कुमार ने 26 मई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने मृणाल धूलिया सहित उनकी पत्नी योगिता धूलिया और भाई नीरज धूलिया पर FIR दर्ज करने का अनुरोध करते हुए बताया था कि मृणाल धूलिया पत्नी और भाई का अनुबंध धन्वंतरि चिकित्सालय केरल से समाप्त हो चुका है तथा धनवंतरी संस्थान भी अब आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अनुबंधित नहीं है, किंतु इसके बावजूद धूलिया परिवार यहां पर अवैध रूप से डटा हुआ है। इससे परिसर का माहौल खराब हो रहा है।
प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश ने बताया कि मृणाल धूलिया ने परिसर में दो प्राइवेट पिस्तौल धारी गार्ड भी बिठा रखे हैं, जिससे न सिर्फ परिसर की छवि खराब हो रही है, बल्कि यह पूरी तरह अवैध भी है। मृणाल धूलिया का कहना है कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय का पूरा हॉस्पिटल तथा समस्त स्टाफ वही आउटसोर्सिंग पर संचालित कर रहे थे और विश्वविद्यालय ने उनका आठ करोड़ रुपए बकाया भुगतान करना है। जब उन्होंने अपना बकाया मांगा तो विश्वविद्यालय ने उन्हें नोटिस थमा दिया। धूलिया कहते हैं कि वह इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।