शहीदों को श्रद्धांजलि देने के नाम पर एक साथ नहीं आते दल
शहादत पर भद्दा मजाक चल रहा उत्तराखंड में
5 सितंबर को हर साल उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सल्ट में शहीदी मेला मनाया जाता है। इस मेले की खास बात यह नहीं कि ये शहीदों को याद
करने के लिए मनाया जाता है, बल्कि इस मेले की खास बात यह है कि हर वर्ष होने वाले इस मेले में शहीदों को एक ओर सरकारी स्तर पर और दूसरी ओर विपक्षी दल की ओर से श्रद्धांजलि दी जाती है। जो दल सत्ता में नहीं होता, वो अपना अलग टेंट लगाकर सरकार के कार्यक्रम से खुद को दूर रखता है। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के इस कार्यक्रम में दोनों ओर से खड़े होने वाले लोगों की भावना इस बात से परखी जा सकती है कि शहीदों को एक मंच पर खड़ा होकर श्रद्धांजलि देने की न तो सरकार में कुव्वत होती है और न विपक्ष में।
विगत १७ सालों में जब से राज्य बना है, सत्ताधारी दल का सरकारी टेंट एक ओर लगता है और विपक्ष का दूसरी ओर। मजेदार बात यह है कि जो भी मुख्यमंत्री आज तक सरकारी कार्यक्रम वाले इस मेले में शामिल होने गया, उसने बगल में चल रहे विपक्षी दल के लोगों के सामने जाने की भी जुर्रत नहीं समझी।