छत नहीं, छतरी के नीचे छात्र!

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उत्तराखंड के सर्वाधिक बजट के विभाग शिक्षा विभाग की हालत इतनी पतली हो गई है कि अब छात्रों को छत के अभाव में छतरी लेकर विद्यालय जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
सूबे के बड़बोले शिक्षा मंत्री पहले दिन से ही बयान बहादुर बने हुए हैं, किंतु उनके नेतृत्व में चल रहे टिहरी जनपद के राजकीय हाईस्कूल भालकी मांडे के दो कमरे और बरामदे के नीचे बैठने वाले तकरीबन ११० छात्र-छात्राओं को ज्ञान से अधिक जान के लाले पड़े हुए हैं। टिहरी जनपद के जौनपुर ब्लॉक के थत्यूड़ से ३२ किमी. दूर स्थित इस विद्यालय में ६ शिक्षक हैं। स्कूल की हालत यह है कि यहां थोड़ी सी बारिश होने पर भी छत टपकने लगती है। विगत वर्ष हुए निरीक्षण के दौरान इस विद्यालय को खतरनाक करार दिया गया।
क्षेत्र पंचायत सदस्य मनवीर सिंह नेगी का कहना है कि कई बार इस संदर्भ में शिक्षा विभाग को अवगत कराया गया, किंतु शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण इस ओर विभाग का ध्यान ही नहीं है।
उम्मीद है कि इस खबर को पढऩे के बाद सूबे के बाहुबली शिक्षा मंत्री न सिर्फ अपने उस बयान को वापस लेंगे, जिसमें उन्होंने स्वयं के शक्तिमान न होने की बात कही थी। यह विद्यालय वास्तव में उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था की असली तस्वीर पेश कर रहा है।

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