** सकारात्मक खबरें **
क्रांति भट्ट
अंधेरे और हताशा के माहौल में जब अच्छी खबरें और सकारात्मक पहल होती है तो सचमुच कुछ आशा की किरण नजर आती है । अच्छा लगता है । अक्सर यही कहा जाता है कि अपने प्रदेश उत्तराखंड में ” नौकर शाही ” हावी हो गयी हो गयी । सरकारें अपेक्षाओं के अनुसार काम नहीं कर रहीं हैं। शासन में बैठे बडे अहदेदारों ने बरबाद कर दिया । ये सब हो भी रहा है और पिछले 17 वर्षों से राज्य में ये दुर्भाग्यपूर्ण स्थित बनी है ।
“” मगर इस अंधेरे वाले , हताशा वाले माहौल में कुछ सकारात्मक को स्पर्श करने वाली खबरें जब सुनने को मिलतीं हैं तो अच्छा लगता है । प्रदेश के कुछ युवा जिला अधिकारी डी एम की कुर्सी तक ही अपने आप को बांधे नहीं रखना चाहते । कुछ नया कर रहे हैं और अच्छा कर रहे हैं । हालांकि सब कुछ में ” कुछ मीन मेख निकालने वालों को यहाँ भी असंतुष्टि हो सकती है । पर जनता को ऐसे अधिकारी भा रहे हैं जो स्वयं को ” सिर्फ ” डी एम साहब जी ” तक ही सीमित न रखना चाहते । डी एम साहब के साथ साथ अपनी अन्य विधा और योग्यता से जनता से सीधे जुड रहे हैं । चम्पावत डी एम डाक्टर अहमद इकबाल ” जिलाधिकारी के साथ साथ ” डाक्टर भी हैं। अच्छा लगा कि अपनी इस योग्यता का लाभ जनता को देने के लिए वे चिकित्सालय में गये और कई मरीजों का परीक्षण किया और दवा प्रसक्राइब की । रूद्रप्रयाग के जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल गांवो में जाकर आम जनता के बीच बैठ कर चौपाल लगाकर उनकी बात सुन रहे हैं । युवाओं को प्रतियोगितात्मक परीक्षाओ के लिए प्रेरित कर रहें हैं । स्वच्छता के लिए भाषण या आदेश से ज्यादा स्वंय काम कर रहे हैं । बागेश्वर में थे तो उनके स्थानांतरण पर बच्चे रो उठे । चमोली के डी एम आशीष जोशी प्राय : चुपचाप रहते हैं। पर चुपचाप लीक से हटकर भी काम करते हैं । एक सकारात्मक प्रसंग है । कुछ दिन पहले उन्हें पता चला कि महाविद्यालय गोपेश्वर में अध्ययन रत एक गरीब छात्र जो अनुसूचित जाति का है पढने में अच्छा है । मगर कालेज फीस नहीं होने के कारण पढाई बीच में छोडने को विवश हो रहा है । उन्होंने चुपचाप उस छात्र के एकाउंट में फीस से कुछ ज्यादा रकम अपने वेतन से जमा कर दी । पहले नैनीताल और अब हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत भी औचक निरीक्षण करके खामियां पकड़ने और उन्हें दुरुस्त करने में माहिर हैं नैनीताल में अस्पतालों की व्यवस्था दुरस्त करने का मामला हो अथवा यातायात की व्यवस्था सुधारने का उन्होंने खामियों को बखूबी दुरुस्त किया हरिद्वार में भी नरेगा सरीखी कई योजनाओं में उन्होंने बड़े पैमाने पर घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की।
हैं अच्छे लोग भी हैं । अच्छे अधिकारी भी हैं । सब सपोडा सपोडी करने वाले ही नहीं हैं । कुछ ही सही कुछ तो हैं जो इस अंधेरे में उजाला तो कर रहे हैं ।