कुमार दुष्यंत, हरिद्वार।
अतिक्रमण को लेकर हरिद्वार के व्यापारियों व पुलिस प्रशासन के बीच टकराव बढता जा रहा है।व्यापारियों के विभिन्न संगठनों ने पुलिस के खिलाफ एकजुट होकर ऐलाने जंग कर दिया है।उधर पुलिस भी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जरा भी ढिलाई बरतने को तैयार नहीं है।व्यापारियों के इस मुद्दे पर पुलिस के खिलाफ आंदोलन पर उतर आने से हालात कुछ-कुछ 2004 जैसे दिखाई दे रहे हैं।जब पुलिस वर्सेज पब्लिक विवाद के बाद शहर को कई दिनों तक कर्फ्यू का दंश झेलना पड़ा था।
चार दिन पूर्व हरिद्वार के अपररोड पर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पुलिस व व्यापारियों के बीच टकराव हुआ था।जिसके बाद व्यापारी पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतर आए थे।पुलिस ने अगले दिन इस मामले में एक भाजपा नेता सहित चालीस अज्ञात लोगों के खिलाफ मार्ग अवरुद्ध करने के अभियोग में मुकदमे दर्ज कराए थे।तभी से व्यापारी पुलिस को लेकर आक्रोशित हैं।अब व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, गिरफ्तारियां देने व अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।जिसके बाद यह मामला गर्मा गया है।यदि परिस्थितियों पर काबू नहीं पाया गया तो यह टकराव एक बार फिर से 2004 जैसा रंग ले सकता है।
इन दिनों पूरे प्रदेश में ही शासन की गाईड लाईन के अनुसार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है।हरिद्वार में पिछले दिनों अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए हरिद्वार के मेयर व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों के विवाद के बाद नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने स्पष्ट कर दिया था कि अतिक्रमण कहीं भी हो, किसी का भी हो हटाया जाएगा।जिसके बाद हरिद्वार में पसरे अतिक्रमण के खिलाफ पुलिस प्रशासन सख्त हो गया था।चेतावनियों के बाद जब पुलिस अतिक्रमण के खिलाफ सख्त हुई तो व्यापारी भी पुलिस के खिलाफ लामबंद हो गये।हालांकि व्यापारियों के सड़क पर अतिक्रमण को शहरवासियों का समर्थन नहीं है।लेकिन नगर निगम व लोकसभा चुनावों से ऐन पूर्व बन रही प्रशासन के खिलाफ आंदोलनों की रुपरेखा को राजनेताओं का समर्थन है।
व्यापारी कल से पुलिस के अतिक्रमण अभियान के खिलाफ बड़े आंदोलन की शुरुआत कर रहे हैं।कल भारी संख्या में व्यापारी हरिद्वार कोतवाली का घेराव कर व्यापारियों पर पुलिस द्वारा दर्ज किये मुकदमे वापस लेने की मांग करेंगे।यदि इससे बात नहीं बनी तो गिरफ्तारियां दी जाएंगी।और उसके बाद व्यापारी दुकानें बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने का भी निर्णय ले चुके हैं।उधर पुलिस प्रशासन अतिक्रमण के खिलाफ झुकने को तैयार नहीं है।अब इस मामले में बहुत कुछ सरकार के रुख पर निर्भर करेगा।लेकिन यदि हालात नहीं सम्भले, तो यह विवाद भी बड़ा रूप लेकर 2004 की घटनाओं को दुहरा सकता है।