हरक सिंह रावत ने आज मीडिया से मुखातिब होते हुए बड़ा बयान जारी किया। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि चिल्लर खाल मोटर मार्ग रोकने का आदेश सरकार ने जारी नहीं किया है, बल्कि यह आदेश ओमप्रकाश ने दिया है। “यह बिल्कुल गैर संवैधानिक आदेश है और वह इस आदेश को नहीं मानते।”
हरक सिंह रावत ने कहा कि वन मंत्रालय ओमप्रकाश के आदेशों को नहीं मानता और किसी भी हालत में कंडीखाल मोटर मार्ग के कार्य को नहीं रोका जाएगा।
साथ ही हरक सिंह ने कहा कि यदि किसी ने काम रोका तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि जिस दिन स्लैब पड़ेंगे वह उस दिन स्वयं मौके पर मौजूद रहेंगे और लगातार उनका कोई न कोई व्यक्ति मौके पर रहेगा ताकि कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।
मंत्री ने मौके से ही अपनी जनसंपर्क अधिकारी को भी निर्माण कार्य का अवलोकन करने के लिए रवाना कर दिया। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर बजट का इंतजाम नहीं होगा तो वह अपने कार्यकर्ताओं से धन संग्रह करने के लिए भी आह्वान करेंगे और अपने एक माह का वेतन भी इस मार्ग के निर्माण के लिए दान कर देंगे।
हरक सिंह रावत यहीं पर नहीं रुके, साथ ही उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वह इसके लिए एक बड़ा जन आंदोलन भी खड़ा करेंगे।
गौरतलब है कि कंडी खाल मोटर मार्ग की मांग काफी लंबे समय से स्थानीय ग्रामीण कर रहे हैं और इस मार्ग के बन जाने से न सिर्फ धन और समय की बचत होगी बल्कि लोगों को काफी सुविधा भी होगी, ऐसे में इस मार्ग का विरोध होने पर सरकार की छवि पर भी भी बुरा असर पड़ सकता है।
सियासी गणित यह भी है कि जितना अधिक इस मार्ग को रोके जाने के प्रयास होंगे उतना ही अधिक हरक सिंह रावत का सियासी कद भी बढ़ना तय है।
संभवतः हरक सिंह रावत इस बात को समझते हैं और अब इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने की संभावनाएं भी तलाश रहे हैं।
हरक सिंह रावत के दोनों हाथों में लड्डू हैं। यदि यह मार्ग बन गया तो क्षेत्र में उनका सियासी कद बढने तय हैं और यदि इस मार्ग का विरोध हुआ तो भी जनता की संवेदनाएं उनके साथ ही होंगी, जिससे उन्हें दोहरा फायदा होगा।