मनरेगा के पैसे डकारने में लगा गाजीवाली का प्रधान महेश कुमार
हरिद्वार (श्यामपुर)। गाजीवाली गांव में मनरेगा की दिहाड़ी हड़पने का आरोप अब पंचायत प्रतिनिधियों पर ही लग रहा है। हालांकि ब्लाॅक के अधिकारी इससे अनभिज्ञता जता रहे हैं। बहादराबाद ब्लॉक के ग्राम पंचायत गाजीवाली में एक पंचायत प्रतिनिधि पर ही ब्लॉक के अधिकारियों की मिलीभगत से पैसा हड़पने की शिकायत मिल रही है। ग्रामीण सुरेश काला, प्रीतम, लीलाधर, मुकेश, प्रीतम, अंकुर पाल और पूरण का आरोप है कि उन्हें मनरेगा की ओर से दस हजार रुपये के बजाए एक हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है। बीडीओ बहादराबाद कर कहना है कि अगर ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत आती है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो-तीन सालों से उनके जॉब कार्ड भी ग्राम प्रधान ने अपने कब्जे में कर रखे हैं। मांगने पर भी ग्राम प्रधान उन्हें उनका जॉब कार्ड नहीं देता है। ग्रामीणों ने कहा कि जॉब कार्ड ग्रामीणों के पास होना चाहिए, न कि ग्राम प्रधान के पास। गाजीवाली की वार्ड मेम्बर श्रीमती शांति देवी ने बताया कि उन्होंने कई बार ग्राम प्रधान से ग्रामीणों की शिकायत भी की मगर ग्राम प्रधान ने उन्हें बरगला दिया। वार्ड मेम्बर शांति देवी बताती हैं कि उन्होंने ग्राम प्रधान से अपने वार्ड के लोगों के जॉब कार्ड की मांग की तो ग्राम प्रधान ने साफ इनकार कर दिया। शांति देवी ने बताया कि उन्होंने ग्राम प्रदान ने मनरेगा के तहत हुए कार्यों की जानकारी चाही मगर उन्हें ग्राम प्रधान ने चुप करा दिया।
शांति देवी ने कहा कि गाजीवाली ग्राम प्रधान के कार्य जांच के दायरे में हैं। इनकी जांच होनी चाहिए जिससे ग्रामीणों का हक कोई और न मार सके। शांति देवी ने बताया कि आज तक किसी भी ग्रामीण ने मनरेगा के तहत कोई भी कार्य नहीं किया। उनके खाते में 11 हजार रुपये डाले जा रहे हैं और दस हजार रुपये वापस मांगे जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मनरेगा के तहत बने उनके जॉब कार्ड भी प्रधान के पास ही रहते हैं। जबकि जॉब कार्ड ग्रामीणों के पास होने चाहिए। कई ग्रामीणों को तो यह भी नहीं पता कि हमारा जॉब कार्ड है भी या नहीं। करीब दो-तीन साल से जॉब कार्ड ग्रामीणों ने देखा तक नहीं है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हमारे जॉब कार्ड के जरिये ग्राम प्रधान और उनके प्रतिनिधि पैसे का गोलमाल कर रहे हैं। ग्रामीणों के खाते में ग्यारह हजार रुपये डाले जा रहे हैं और फिर उनसे दस हजार रुपये वापस मांगा जा रहा है। ग्रामीण गाजीवाली नंदविहार कालोनी की ललिता देवी ने बताया कि पिछले दो साल से मेरे खाते में 11हजार रुपये डाला जाता है और फिर दस हजार रुपये वापस मांग लिया जाता है। ऐसे ही कई ग्रामीण हैं, जिनके खाते में 11 हजार रुपये डाला जा रहा है और उनसे दस हजार रुपये वापस मांग लिया जा रहा है। जो जागरूक ग्रामीण हैं उनके खाते में सिर्फ दो हजार रुपये डाला जा रहा है। ताकि वह लोग किसी की कोई शिकायत न करें। ग्रामीणों का कहना है कि इस गड़बड़झाले में बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। ग्राम प्रधान के साथ कई ग्रामीण भी इस गोरखधंधे में संलिप्त हैं। ग्रामीणों ने इस गोरखधंधे का पर्दाफाश करने की मांग की है। जब तक इन काले कारनामों से पर्दा नहीं हटेगा तब तक ग्रामीणों का हक इसी तरह मारा जाता रहेगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हमसे कोई भी काम नहीं कराया जाता है और न ही कहीं कोई कार्य हुआ है। ग्रामीणों ने इस गड़बड़झाले की जांच कराए जाने की मांग की है।
गाजीवाली की वार्ड मेम्बर श्रीमती शांति देवी का कहना है कि कई बार प्रधान से गांव हुए कार्यों की जानकारी मांगी गई, लेकिन प्रधान ने देने से इनकार कर दिया। शांति देवी का कहना है कि उन्होंने ग्राम प्रधान से अपने वार्ड के जॉब कार्ड मांगे लेकिन प्रधान ने देने से इनकार कर दिया। शांति देवी ने कहा कि ग्राम में मनरेगा के तहत आज तक कोई भी कार्य नहीं हुआ है और न ही कोई ग्रामीण से काम लिया गया, फिर भी ग्रामीणों के खाते में 11हजार रुपये डाले जा रहे हैं और फिर उनसे दस हजार रुपये वापस मांगा जा रहा है। वार्ड मेम्बर शांति देवी ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान की मिलीभगत से लोगों से जबरन जॉब कार्ड अपने पास रखकर उसमें अनाप-शनाप दिहाड़ी दर्शाकर ग्रामीणों को गुमराह किया जा रहा है। शांति देवी ने इस घपलेबाजी की शिकायत जिलाधिकारी से करने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि इस घपलेबाजी की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की जाएगी।