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मेयर-महाराज विवाद: कांग्रेस ने फोड़ा मदन कौशिक के सर ठीकरा

हरिद्वार से कुमार दुष्यंत की रिपोर्ट//

हरिद्वार में भाजपा के दो ध्रुवों के मध्य मचे घमासान का फायदा उठाने के लिए अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है।कांग्रेसियों ने इस सारे विवाद का ठीकरा मदन कौशिक पर फोड़ दिया है।

गुरुवार को हरिद्वार के मेयर मनोज गर्ग व कैबिनेट मंंत्री सतपाल

महाराज समर्थकों के बीच हुए विवाद का अबतक कोई हल नहीं निकल पाया है।इस बीच दो दिन तक मामले पर नज़र रखने के बाद कांग्रेस भाजपा में मचे इस घमासान का लाभ लेने के लिए बीच में कूद गई है।कांग्रेसियों ने आज पूर्व विधायक अंबरीश कुमार के नेर्तत्व में प्रेस वार्ता कर इस सारे विवाद का मास्टर माइंड मदन कौशिक को बताकर सारा ठीकरा उनके सर फोड़ दिया है।

कांग्रेसियों ने आरोप लगाया है कि मदन कौशिक लगातार चार बार से हरिद्वार के विधायक बनते चले आ रहे हैं।इस दौरान वह मंत्री भी रहे हैं।लेकिन हरिद्वार की समस्याएं जस की तस हैं।हर बार बारिशों में मध्य हरिद्वार जलमग्न हो जाता है।जिसके निदान के लिए नगर विकास मंत्री ने कभी कुछ नहीं किया।अब वह मेयर को मोहरा बनाकर जलभराव के लिए सतपाल महाराज को दोषी ठहराने की कोशिशों में हैं।कांग्रेसियों ने इसके अलावा भी कई आरोप नगर विकास मंत्री पर लगाये हैं।

कांग्रेस इस पूरे मामले पर दो दिन से नज़र बनाए हुई थी।विवाद का समाधान न होते देख कांग्रेस ने प्रकरण का राजनीतिक लाभ लेने के लिए आज इस विवाद की आड़ में मदन कौशिक पर निशाना साधकर मौके पर चौका जड दिया।

दरअसल नगर विकास मंत्री मदन कौशिक हरिद्वार में लंबे समय से ‘अजेय’ बने हुए हैं।कभी कांग्रेस की सीट रहती आयी हरिद्वार विधानसभा से राज्य गठन के बाद मदन कौशिक ही निर्वाचित होते आ रहे हैं।इतना ही नहीं हर बार उनकी जीत का अंतर भी बढता जा रहा है।पिछले डेढ़ दशक से अबतक कांग्रेस उनका तोड़ नहीं ढूंढ पायी है।इसलिए कांग्रेस हरिद्वार में मदन कौशिक को घेरने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहती।पिछले दो दिनों से लगातार कांग्रेसी सी एम आई पहुंच कर मेयर का हालचाल ले रहे थे।कल शाम पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सीएमआई पहुंचकर मनोज गर्ग का हालचाल जाना था।कांग्रेस इसी फिराक में है कि मेयर महाराज के विवाद को कैसे भुनाया जाए।उधर कल हाईकमान से वार्ता के लिए दिल्ली गये मदन कौशिक देर रात वापस लौट आए।सतपाल महाराज भी अपराह्न दिल्ली से प्रेम नगर आश्रम लौट आए हैं।लेकिन फिलहाल मामले को सुलटाने के लिए बड़े नेताओं की सक्रियता के बावज़ूद गतिरोध बना हुआ है।

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