अमित मिश्रा//
कल तक सिलेंडर लेने के लिए लगती थी लाइनें
उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े भाषणों से बाहर नहीं आ पा रही है। २८ अक्टूबर २०१७ को जब सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे बलवीर रोड स्थित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाकर समस्याओं के
समाधान पर टेलीविजन बाइट दे रहे थे तो उससे कुछ देर पहले किसी प्रदेश कार्यालय से तीन सौ मीटर दूर जनता रात एक बजे से लाइन पर खड़ी थी। ये जनता अरविंद पांडे की शिक्षा नीति या जनता दरबार की उम्मीदों के लिए लाइन पर नहीं लगी थी, बल्कि समीप के निजी विद्यालय में एलकेजी में एडमिशन के लिए मिलने वाले फार्म लेने की उम्मीद में ये लोग रातभर जागते रहे।
एक ओर शिक्षा महकमे पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं अभिभावक प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए व्याकुल हैं, जो सरकार की शिक्षा नीति की पोल खोलता है।
अपने नौनिहालों के उज्जवल भविष्य के
लिए रातभर लाइन में खड़े कुछ लोग तो सपरिवार पहुंचे थे। कुछ घंटे पति लाइन पर लगता तो कुछ दे
र पत्नी। जो लाइन पर नहीं खड़ा होता, वो कार में जाकर विश्राम करता। चीड़बाग देहरादून से आए एक अभिभावक तो
रात्रि भोजन के बाद ही धर्मपुर स्थित अपने मित्र के आवास पर आ गए थे, ताकि सुबह समय से एडमिशन फार्म लेने पहुंचा जा सके।
कुल मिलाकर रतजगा कर पाए गए इन फार्म से कितने अभिभावकों को अपने नौनिहालों को इन निजी विद्यालयों में एडमिशन मिलता है, यह तो भविष्य ही तय करेगा, किंतु रातभर लगी इस लाइन में डबल इंजन की शिक्षा प्रणाली पर तो सवाल खड़े कर ही दिए हैं।