कुमार दुष्यंत//
हरिद्वार में आजकल भाजपा के दिन कुछ अच्छे नहीं चल रहे।उसके नेता आए दिन अपने बुरे कारनामों की वजह से सुर्खियां बन रहे हैं।
हरिद्वार मे भाजपा के अंदर पिछले छह महीनों में ऐसी इतनी घटनाएं घट चुकी हैं। जिसपर एक ठीकठाक मसाला फिल्म तैयार हो सकती है।फरवरी में चुनाव से पूर्व पार्टी का पूर्व पदाधिकारी मोनू राणा एक रेस्तरां में अपनी गुंडई को लेकर चर्चा में आया था।पुलिस ने पड़ताल की तो भाई पुराना हिस्ट्रीशीटर निकला।जिसे बाद में पुलिस ने दबोचकर जेल भेजा।रुड़की की भाजपा नेत्री हेमा रावल तो महिलाओं की सप्लाई जैसे घिनौने कारोबार में धरी गयी।फिर हरिद्वार की भाजपा नेत्री पूनम झा का पुत्र जब भारी मात्रा में शराब के साथ धरा गया तो वह कोतवाली में अपनी दबंगई के लिए सुर्खियां बनी।
इन घटनाओं का सिलसिला अभी चल ही रहा है।कहीं पार्टी के जिला पंचायत सदस्य को पार्टी के ही विधायक के लोग पीट रहे हैं तो कहीं नेताओं के पुत्र बार में हुडदंग करते घूम रहे हैं ।किट्टी मामलों में अपने पदाधिकारियों की वजह से पार्टी अलग घिरी हुई है। हरिद्वार के मेयर व मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों के बीच हुए घमासान की आंच अभी ठंडी भी नहीं हुई कि अब हरिद्वार ग्रामीण से विधायक यतीश्वरानंद व एबीवीपी के कार्यकर्ता आपस में ‘ढिंशुम-ढिंशुम’ पर उतर आए!
एबीवीपी कार्यकर्ताओं का आरोप था कि विधायक यतीश्वरानंद ने गुरुकुल छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया।जिसके कारण विद्यार्थी परिषद् का कैंडिडेट चुनावों में हार गया।एबीवीपी कार्यकर्ता जब विधायक का पुतला लेकर विधायक के आश्रम पर पहुंचे तो आरोप है कि विधायक ने जलता हुआ पुतला उठाकर कार्यकर्ताओं पर ही दे मारा।इसके बाद खूब लाठीबाजी हुई और दोनों पक्षों के लोग चोटिल हुए ।मामले में दोनों ओर से करीब दर्जन भर लोगों के खिलाफ मारपीट व तोडफोड के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए गये हैं।
यतीश्वरानंद हाल ही में इस कांड के बाद दूसरी बार चर्चा में आए हैं।इससे पूर्व वह विगत माह एक वन रैंजर को धमकाने के लिए सुर्खियां बने थे।भाजपा के आए दिन सुर्खियां बन रहे कारनामों से कम से कम हरिद्वार में तो इस अनुशासित पार्टी का अनुशासन तार-तार होता दिख रहा है।