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जनता के लिए सहज, सुलभ जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने स्थानीय समस्याओं का त्वरित निस्तारण कर कम समय में अपार लोकप्रियता हासिल की है
संजय चौहान
बागेश्वर की जनता को उम्मीद थी की जिलाधिकारी के रूप में मंगेश घिल्डियाल लंबे समय तक जनपद को अपनी सेवाएं देंगे, लेकिन राजनीतिक दबाब के चलते उनका तबादला कर दिया गया। बागेश्वर से अचानक हुए तबादले से पूरे बागेश्वर जनपद के लोगों में आक्रोश है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद शायद ही कोई ऐसा वाकया हो कि किसी जनपद में जिलाधिकारी के तबादले को लेकर जनता सड़कों पर आंदोलित हुई हो। बागेश्वर की जनता ने लगातार दो दिन तक सरकार के इस अप्रत्याक्षित फैसले का विरोध किया और जिलाधिकारी के स्थानांतरण को वापस लेने की मांग की, लेकिन सरकार के फैसले के खिलाफ जनता की एक नहीं चली। जनता से संयम बरतने की अपील करते हुए मंगेश घिल्डियाल ने रुद्रप्रयाग जनपद के जिलाधिकारी का कार्यभार ग्रहण कर दिया। यहां भी उन्होंने सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है।
जिलाधिकारी के सामने सबसे बड़ी चुनौती आपदा के बाद पटरी पर लौट आई केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करना है, क्योंकि जिस प्रकार से केदारनाथ में तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ रहा है और धरातल पर जो बंदोबस्त है, वो सुखद नहीं है।
रुद्रप्रयाग में कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद उन्होंने जनता से सीधे संवाद किया और दूसरे ही दिन यात्री के वेश में हैली कंपनी के दफ्तर में जाकर ओवर रेटिंग पकड़कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। इससे अवैध धंधों में लिप्त लोग सकते में हैं।
इससे पहले भी जनपद बागेश्वर और चमोली में जिलाधिकारी और सीडीओ के पद पर रहते हुए उन्होंने जो कार्य किए, उनको लोग आज भी याद करते हैं। जनपद चमोली में सीडीओ के पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी पहली बैठक में लोगों को अपना फोन नंबर तक दे दिया था और कहा था कि जब भी किसी को कोई परेशानी हो तो वह सीधा संपर्क कर सकता है। जनपद में रहते हुए उन्होंने गांव-गांव का भ्रमण किया। साथ ही विकास कार्यों का धरातलीय स्थिति को भी देखा। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे जनपद में जागरूकता अभियान चलाया। साथ ही लोगों को खुले में शौच से मुक्ति के लिए भी प्रेरित किया।
एक दिन सीडीओ सुबह-सुबह दशोली ब्लॉक के बमियाला गांव में खुले में शौच की प्रमाणिकता को देखने पहुंचे तो लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ कि जिले के मुख्य विकास अधिकारी आज रात खुलने से पहले ही गांव में पहुंच गए हैं, क्योंकि अधिकतर ग्रामीण अभी उठे भी नहीं थे।
जनपद चमोली में स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता के लिए किये गए सराहनीय कार्यों के लिए सीडीओ को भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने भी सम्मानित किया। बागेश्वर में बतौर जिलाधिकारी उन्होंने कई बार विभागों का औचक निरक्षण कर कर्मियों को कार्यप्रणाली में सुधार की चेतावनी भी दी, जबकि कई बार खुद ही स्कूलों में जाकर छात्र-छात्राओं को भी पढ़ाया। इस दौरान उन्होंने अपना जन्मदिन स्कूल के बच्चों के संग मनाया और पूरा दिन उन्हीं के साथ गुजारते हुए दिन का भोजन भी उन्हीं के साथ जमीन पर बैठकर किया।
मंगेश घिल्डियाल ने 2011 की सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में चौथा स्थान हासिल किया। वह उन लोगों के लिए मिसाल हैं, जो सामान्य परिस्थितियों में भी कुछ खास कर दिखाने की हसरत रखते हैं। जहां उत्तराखंड में आज भी आधे से ज्यादा लोग हाईस्कूल या इंटरमीडिएट के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं, वहीं मंगेश घिल्डियाल ने सरकारी स्कूल और कॉलेजों से निकलकर डीआरडीओ, आईपीएस और और फिर आईएएस तक की राह बनाकर यह साबित कर दिया कि कामयाबी के लिए सुविधा या परिस्थिति नहीं, संकल्प और मेहनत की जरूरत होती है।
मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के टांडियो गांव में इनका जन्म हुआ था और इनके पिताजी शिक्षक थे। 9वीं से लेकर बीएससी की शिक्षा अपने ताऊजी के सानिध्य में पूरी की। बीएससी में ये गोल्ड मेडेलिस्ट थे और एमएससी भौतिकी में भी गोल्ड मेडेलिस्ट रहे। इसके बाद इन्होंने गेट की परीक्षा दी और लेजर तकनीक में एमटेक किया। इसी दौरान लेजर तकनीक पर शोध करने के लिए वैज्ञानिक के रूप में नियुक्ति हो गए।
2010 में उन्होंने पहली बार बिना कोचिंग के सिविल सेवा परीक्षा दी और 131वीं रैंक हासिल की और उनका चयन पुलिस प्रशिक्षण अकादमी हैदराबाद के लिए हो गया। पुन: 2011 में सिविल सेवा परीक्षा दी, जिसमें उनके मुख्य विषय भौतिकी और भूगोल थे। इसमें उन्हें पूरे देश में चौथा स्थान प्राप्त हुआ। वह चाहते तो आसानी से विदेश सेवा (आईएफएस) में चले जाते, लेकिन उन्होंने अपना कैडर उत्तराखंड ही चुना।
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारियों के लिए एक महज प्रयोगशाला के रूप में जाना जाता रहा है, किंतु इस बार रुद्रप्रयाग की जनता को विश्वास है कि अब रुद्रप्रयाग जनपद के अच्छे दिन आएंगे।