मामचन्द शाह
एक तरफ देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं रुड़की क्षेत्र में बांग्लादेशियों को महज सौ-सौ के स्टांप पर धड़ल्ले से जमीनें बेची जा रही हैं। आश्चर्यजनक यह है कि इस ओर शासन-प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
रुड़की तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम टोडा कल्याणपुर अहतमाल इलाके में भूमाफियाओं द्वारा महज सौ-सौ रुपए के स्टांप पेपर पर धड़ल्ले से जमीनों का खेल चल रहा है। बताया गया कि भूमाफिया श्रेणी 3 की भूमि को कब्जे करवाने से लेकर सौ रुपए के स्टांप पर रसीद दे रहे हैं। इस भूमि पर मकान भी खड़े हो चुके हैं, जबकि अन्य भूमि पर निर्माण कार्य चल रहा है। इस मामले की जानकारी होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने इस पर कार्यवाही करने की जरूरत नहीं समझी।
बताते चलें कि उक्त क्षेत्र में श्रेणी-3 की सरकारी स्वामित्व वाली भूमि है। इसी जमीन से कई दशक पहले ग्रामीण लोगों को कुछ भूमि पट्टे पर दी गई थी, जबकि ज्यादा भूमि बंजर छोड़ी गई थी। इस भूमि को बेचा नहीं जा सकता था, न ही किसी अन्य को हस्तांतरित ही की जा सकती थी, लेकिन लोगों और प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर बांग्लादेशी लोगों को भूमाफियाओं ने सौ-सौ रुपए के स्टांप पर उक्त जमीनें बेच डाली। इससे जहां राजस्व की भारी हानि हो रही है, वहीं अवैध रूप से इन लोगों को बसाए जाने पर सुरक्षा के साथ ही कई अन्य सवाल खड़े हो रहे हैं। इस सारे मामले में राजस्व विभाग ने भी चुप्पी साधी हुई है। ऐसे में राजस्व विभाग के अधिकारियों पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं।
तहसीलदार के संज्ञान में यह मामला करीब दो सप्ताह से है और जेएम के संज्ञान में 4 फरवरी से, किंतु आज तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहां एक मकान बाग में बन चुका है और दूसरे का निर्माण कार्य जोरों पर है। यहां सेना की दीवार से भूमि को समतल कर दिया गया है।
एसडीएम रुड़की का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है। वहीं तहसीलदार मंजीत सिंह कभी जानकारी ना होने की बात कहते हैं तो कभी कार्यवाही के लिए समय ना निकाल पाने का बहाना बताते हैं। तथा समय मिलने पर कार्यवाही करने की बात कहते हैं।