ऑडियो खुलासा : पहले प्रत्याशी का वोटर लिस्ट से काटा नाम। फिर बचने को निकाल रहे रिश्तेदारी और लोकल कनेक्शन
टिहरी के एक जिला पंचायत सीट के प्रत्याशी का नाम अधिकारियों ने वोटर लिस्ट से ही काट दिया। और नामांकन तक नही जोड़ा। यहां तक कि सीएम पोर्टल पर भी झूठी सूचना दी। अब कार्रवाई के लपेटे मे आए तो बचने के लिए वंचित प्रत्याशी से रिश्ते निकाल रहे अधिकारी
टिहरी के अखोड़ी जिला पंचायत सीट से उम्मीदवार अजय कंसवाल का नाम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में वोटर लिस्ट से जानबूझकर काटा गया जबकि चुनाव पूर्व BLO के द्वारा किये गए सर्वे में उनका नाम था, क्योंकि वह 32-पटागली से जिलापंचायत सदस्य की सीट से उम्मीदवार थे। अब नाम काटने वाले जांच के लपेटे में हैं तो अधिकारी अब रिश्तेदारी निकाल रहे हैं।
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तत्पश्चात चालान के माध्यम से दोबारा से अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया जिसके बाद उनके नाम की संस्तुति चुनाव आयोग देहरादून से 22-9-2019 को मिलने के बाद पन्चस्थानी टिहरी गढवाल से ई मेल के द्वारा 23-9-2019 को भिलंगना ब्लॉक को भेजा गया जिसमे उनकी ग्राम पंचायत में उनके नाम सहित कुल 5 नाम थे जो मूल सूची में जोड़े जाने थे किन्तु ब्लॉक के द्वारा सिर्फ 4 नामो को ही सूचि में जोड़ा गया और सिर्फ उनके नाम को छोड़ा गया और 25-9-2019 के बाद जोड़ा गया क्योंकि अब वह 29-अखोडी से जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार थे, जिसके नामांकन की अंतिम तिथि 24-9-2019 थी। जिस कारण वह अपना नामांकन करवाने से वंचित रह गये।
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फिर 24-9-2019 को उनके द्वारा सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की गयी, जिसके जबाव में BDO भिलंगना द्वारा बताया गया कि उनका नाम ब्लॉक को 25-9-2019 को प्राप्त हुआ है। जबकि श्री कंसवाल द्वारा RTI में मांगे गए सूचना के जबाव के अनुसार उनका नाम ब्लॉक को 23-9-2019 को प्राप्त हुआ है और BDO भिलंगना जानबूझकर गलत रिपोर्ट लगा रहे हैं।
इसके अलावा दो बार उनके द्वारा जिलाधिकारी को भी इस बारे मे लिखित सूचना दी गयी किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई।
अधिकारियों ने जानबूझकर षडयंत्र रच के चुनाव में प्रतिभाग करने से जानबूझकर वंचित रखा गया। आखिर किसकी शह पर ! यह बड़ा सवाल है।
और जब वह यह मामला लेकर कोर्ट जा रहे थे तो उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। वह भी जिला पंचायत सदस्य बनाकर जिलापंचायत अध्यक्ष बनना चाहते थे।
और इस षडयंत्र के भागीदार BDO भिलंगना,तत्कालीन ADO पंचायत, तत्कालीन ARO समेत कई मिले हुये कर्मचारी तथा कुछ राजनीतिक लोग शामिल थे। यह बात भिलंगना ब्लॉक के एक अधिकारी के द्वारा ऑडियो में स्वीकार किया गया है।