कुमार दुष्यंत
*कुम्भ मेले के आयोजन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री ने की चर्चा।*
*कुम्भ मेला 2021 में निर्धारित समय पर होगा आयोजित, सर्व सम्मति से लिया गया निर्णय।*
*इस वर्ष भी आयोजित होगी छड़ी यात्रा। धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग को नामित किया गया नोडल विभाग।*
*कुम्भ मेले के आयोजन में परम्पराओं एवं मर्यादाओं का होगा अनुपालन।*
*सभी निर्माण कार्य 15 दिसम्बर से पूर्व हो पूर्ण- अधिकारियों को दिये निर्देश।*
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुम्भ मेला 2021 दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से यह आयोजन सफल होगा। शनिवार को सचिवालय में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री तथा अन्य पदाधिकारियों के साथ कुम्भ मेले के आयोजन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने व्यापक विचार विमर्श किया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री अशोक कुमार के साथ ही शासन के उच्चाधिकारी एवं मेले से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यों को 15 दिसम्बर से पूर्व सम्पन्न करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
यह दिए निर्देश
बैठक में सभी अखाड़ों के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने नील धारा सहित अन्य क्षेत्रों में निर्मित होने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने, 2010 कुम्भ मेले की भांति इस बार भी उतने ही क्षेत्रफल में कुम्भ मेले के आयोजन, मंशा देवी हिल वाई पास सड़क को मेले के दौरान प्रयोग में लाये जाने तथा आन्तरिक सड़कों के निर्माण में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में संत महात्माओं को भू समाधि के लिये स्थान चयन को संत समाज के हित में लिया गया निर्णय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भी सभी अखाड़ों के सहयोग से छड़ी यात्रा आयोजित की जायेगी धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग इसका नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले को भव्य एवं दिव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये लगातार बैठकें की जाती रही हैं।