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एक्सक्लूसिव: शिक्षा विभाग का कारनामा। जखोली के फर्जी प्रधानाचार्य को बचाने के लिए किए हाईकोर्ट के आदेश दरकिनार

October 31, 2020
in पर्वतजन
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शिक्षा विभाग का कारनामा। जखोली के फर्जी प्रधानाचार्य को बचाने के लिए किए हाईकोर्ट के आदेश दरकिनार

 

रिपोर्ट- जगदम्बा कोठारी
रूद्रप्रयाग। सोशल मीडिया पर फर्जी डिग्री वायरल होने के बावजूद भी शिक्षा विभाग के महाभ्रष्ट अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करके अपनी नौकरी बचाने के लिए अपने चहेते शिक्षकों को बचा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला है ओंकार आनंद हिमालयन मांटेसरी स्कूल जखोली के प्रभारी प्रधानाचार्य कपूर सिंह पंवार का। जिसकी फर्जी डिग्री को लेकर पर्वतजन तीन वर्ष पूर्व ही खुलासा कर चुका है। माननीय हाईकोर्ट के दिशा निर्देश को दरकिनार करते हुए शिक्षा विभाग के वरिष्ठ भ्रष्ट अधिकारी इस फर्जी शिक्षक को जांच में शामिल नहीं कर रहे हैं। दो-दो बार जांच होने के बावजूद इस फर्जी शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

पहले जानिए कौन है यह टीचर इस को जांच में शामिल नहीं किया जा रहा है

नाम- कपूर सिंह
पद-प्रभारी प्रधानाचार्य
रोल नंबर- E 5505
पंजीकरण संख्या- M9352144
वेतन- एक लाख मासिक (लगभग)

आखिर क्या कारण है कि, शिक्षा विभाग की एसआईटी जांच में इस फर्जी शिक्षक एंव प्रभारी प्रधानाचार्य को शामिल नहीं किया गया! वर्ष 1992 से यह गुरुजी ओंकारानंद जखोली में अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। वर्ष 1994 में इन गुरु जी ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से b.ed की डिग्री प्राप्त की। विद्यालय में सरकारी और टीचर का पद देखते हुए इन्होंने आवेदन किया। b.ed परीक्षा कुल 800 अंकों की होती है। जिनमें इनके वास्तविक अंक 600 अंको की परीक्षा सैद्धांतिक (theory) और 200 अंको की परीक्षा प्रयोगात्मक (practical) की होती है। जिनमें इनके अंक क्रमशः 600/284 और 200/106 सहित कुल 390 थे।

इन अंक तालिका के नियमानुसार यह मेरिट के आधार पर यह गुरुजी विद्यालय में सरकारी नियुक्ति नहीं पा रहे थे, क्योंकि मेरिट में यह पिछड़े थे। अब गुरु जी ने सरकारी होने की ठानी, तो इन्होंने अपनी एक फर्जी अंकतालिका तैयार की। जिसमें उन्होंने अपने अंक बढ़ाएं जो क्रमाश: 600/298 और 200/119 हैं। जो कुल 417 है। अब गुरुजी प्रबंधकीय विद्यालय में परमानेंट हो चुके थे। उसके बाद इनकी नजर पड़ी प्रधानाचार्य पद पर, जिसके लिए इन्होंने वर्ष 2015 मे मोटी रकम खर्च की और यह इंटर कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य बन गए। हैरानी की और आश्चर्य की बात है कि, यह नियुक्ति इनको निदेशक बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा दी गई है। जबकि यह अधिकार माध्यमिक शिक्षा निदेशक को होना चाहिए था। तमाम मानकों को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक एसपी खाली ने इनको यह नियुक्ति दी है। जिसको शिक्षा विभाग एकमात्र भूल बता रहा है।

वर्ष 2017

आपके चहेते न्यूज़ पोर्टल पर्वतजन को मामले की भनक लगी। हमने इन गुरुजी की फर्जी डिग्री का खुलासा किया। उसके बाद भी शिक्षा विभाग ने इन गुरु जी की डिग्री को लेकर कोई जांच नहीं करी।

1 जनवरी 2020

यह गुरुजी अपने ही विद्यालय की नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण का प्रयास करने में अपने ही ग्रामीणों के द्वारा रंगे हाथ धरे दबोचे गए। पर्वतजन ने इस खबर को भी सार्वजनिक किया। तमाम आरोपों एवं विरोधों के बाद गुरु जी ने अपने बचाव के लिए अपनी अंक तालिका, जो कि इनकी फर्जी थी, अब अपनी सही अंक तालिका शिक्षा विभाग को मोटी रकम के साथ दे दी है। बस यही कारण है कि, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इस फर्जी मास्टर पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

जिला शिक्षा अधिकारी तत्कालीन टिहरी गढ़वाल (वर्तमान रुद्रप्रयाग जनपद) मे आज भी इनका टेबिलेशन चार्ट मौजूद है। जो कि पर्वतजन के पास उपलब्ध है। नियुक्ति पाने के बाद इन गुरु जी के द्वारा अपने बचाव के लिए सारे दस्तावेज जला दिए गए हैं। लेकिन एक्सक्लूसिव दस्तावेज आज भी पर्वतजन के पास हैं।

क्या कहते हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी

दो बार की जांच में कपूर पंवार की डिग्री सही पाई गई है, पर्वतजन के संज्ञान के बाद हमें पता चला है कि, वास्तव में सरकारी कागजों से छेड़खानी की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी टिहरी से वार्ता कर आरोपी शिक्षक के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाएगी। – जिला शिक्षा अधिकारी, सीएन काला

प्राथमिक शिक्षा निदेशक होने के नाते त्रुटि पूर्ण कपूर पंवार को प्रभारी प्रधानाचार्य माध्यमिक विद्यालय बनाया गया है। अपनी गलती को हमने सुधार दिया है। कागजों का सत्यापन जरूर है। – एसपी खाली- निदेशक प्राथमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल

विद्यालय में प्रबंधकीय कार्यों के लिए मैं उत्तरदाई हूं, यह मेरे कार्यकाल का समय नहीं है। शिक्षा विभाग के अधिकारी मेरे पास आए मैं उनको सत्यापित कागज दूंगी। डॉ पूनम भट्ट- प्रबंधक ओंकारानंद हिमालयन मांटेसरी स्कूल जखोली।

फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर अभी और भी खुलासे होने बाकी हैं।


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