देहरादून।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 50 बिस्तरों का स्पेशल वार्ड शुरू किया गया है। ऐसे मरीज़ जो कोविड़ संक्रमित होने व पूर्णं उपचार लेने के बाद ठीक हो चुके हैं, उनमें से कई मरीजों को कोविड के बाद होने वाली शारीरिक परेशानियां हो रही हैं।
ऐसे मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श व भर्ती किये जाने के लिए श्री महंत इन्दरेश अस्पताल में एक स्पेशल वार्ड तैयार किया है। कोविड रिकवरी के बाद हार्ट पेंशेंट्स, ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक व आट्री ब्लोकेज़ के मामले चैंकाने वाले हैं। गर्भावस्था के दौरान कोरोना पॉजिटिव हुई महिलाओं व उपचार के बाद स्वस्थ होने के बावजूद गर्भवती महिलाओं में परेशानियों के मामले दर्ज किये जा रहे हैं।
काबिलेगौर है कि, कोविड-19 संक्रमण का पूरा उपचार लेने व आर.टी.पी.सी.आर. रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद कुछ लोगों में पोस्ट कोविड लक्षण सामने आ रहे हें। इनमें कुछ लक्षण सामान्यतः कुछ बेहद खतरनाक हैं।
श्री महंत इन्दरेश अस्पताल की नाक-कान-गला रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ त्रिप्ती ममगाईं के अनुसार ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस, नाक-कान में सूजन व दर्द की शिकायत, नाक से खून बहना, शरीर व मांसपेशियों में कमजोरी जैसे लक्षणों के मरीज़ नाक-कान-गला रोग वार्ड में भर्ती हैं।
अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ विनीता गुप्ता के अनुसार कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा संवेदनशील है। इस बार गर्भवती महिलाओं के कोविड पॉजिटिव होने के ज्यादा मामले प्रकाश में आए।
डॉ विनीता गुप्ता के अनुसार पिछले दिनों ओपीडी में आई गर्भवती महिलाओं में से कुछ के अल्ट्रासाउंड में पानी कम होने की शिकायत, डॉप्लर जांच में पाया गया कि, बच्चे के रक्त के प्रवाह में कमी दर्ज की गई।
कुछ मामलों में समयपूर्व प्रसव भी दर्ज किया गया। उन्होंने राय दी कि, कोविड-19 उपचार पूरा होने के बाद स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ से गर्भवती महिलाएं अवश्य राय लें।
अस्पताल के कैथ लैब डाॅयरेक्टर व वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डाॅ तनुज भाटिया के अनुसार कोविड रिकवरी के 4 से 6 सप्ताह बाद कुछ मरीजों में ह्दय रोग के गम्भीर लक्षण देखने में आ रहे हैं। ऐसे मरीज़ जिन्हें उच्च रक्तचाप, पूर्व में ह्दय सम्बन्धित बीमारी, हाई कोलेस्ट्राॅल की परेशानी रही हो, ऐसे कुछ मरीजों के पोस्ट कोविड परिणाम चैंकाने वाले हैं।
डाॅ तनुज भाटिया ने जानकारी दी कि, पिछले एक सप्ताह में हाथ या पांव की आट्ररी में ब्लोकेज़ के 2 मामले, 6 से 8 मामले ब्रेन स्ट्रोक के व 7 मामले हार्ट अटैक हार्ट फेलियर के दर्ज किये गए हैं । कोविड से रिकवर हुए 16-17 मामलों को गंभीर परिणामों के साथ रजिस्टर किया गया है।
इतने कम समय में इन आकड़ो को चैंकाने वाला बताया । उन्होंने सलाह दी कि, कोविड रिकवरी के बाद लिपिड प्रोफाइल, सीआरपी, डी-डाईमर जांच करवाकर भविष्य की अलार्मिंग परिस्थिति को समय से भांपा जा सकता है।
कोरोना संक्रमण के कम होते मामलों का असर दिखने लगा है। कोरोना संक्रमण के 15 दिन पूर्व रिकाॅर्ड किये जा रहे मामलों की संख्या में औसतन कमी दर्ज की जा रही है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ओपीडी में भी स्थिति सामान्य होने लगी है व सोमवार को अस्पताल की ओपीडी में अच्छी संख्या में मरीजों की उपस्थिति दर्ज की गई। इसे कोरोना के प्रति राहत की नज़र से देखा जा रहा है। मरीज सामान्य उपचार, बच्चों के टीकाकरण व सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंचने लगे हैं। भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर अस्पताल ने 20000 किलोग्राम क्षमता का ऑक्सीजन टैंक अस्पताल में मंगवा लिया है।
यह जानकारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनिल कुमार धवन ने दी। 10 से 15 दिन पूर्व अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाली एम्बुलेंसी की संख्या, इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों व तीमारदारों की भीड़ व फोन पर पूछताछ में औसत कमी यह साबित करती है कि, आमजन में कोरोना के प्रति अति डर व चिंता में कमी आई है, पूर्व की दिनो की तुलना में मरीजों को शहर के अस्पतालों में आसानी से बैड उपलब्ध हो पा रहे हैं। अस्पताल की सामान्य ओ.पी.डी. में भारी संख्या में मरीज पहुंचने लगे हैं।