उत्तराखंड में लगातार भर्ती घोटाले सामने आ रहे हैं, जिससे उत्तराखंड का युवा अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
सीएम धामी ने आज विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को पत्र लिख विधानसभा में हुए भर्ती घोटाले में कार्यवाही करने की बात कही, जिसके बाद से ही नियुक्ति पा चुके कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
सीएम धामी ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच करने और यदि अनियमितता पाई जाती है तो नियुक्तियों को निरस्त करने की बात भी पत्र में लिखी।
सीएम धामी ने पत्र में लिखा कि सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि में विधान सभा सचिवालय में कतिपय नियुक्तियों में अनियमितता के आरोप विगत कुछ दिनों से चर्चा में हैं। विधान सभा एक गरिमामय स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है और इस संस्था की गरिमा को बनाये रखना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही हैं।
आप भी सहमत होंगी कि विधानसभा की गरिमा, शुचिता तथा उत्तराखण्ड के युवा अभ्यर्थियों की भावनाओं के दृष्टिगत निम्न बिन्दुओं पर विचार किया जाना उचित होगा :
- विधान सभा सचिवालय में की गई नियुक्तियों, जिनके सम्बन्ध में विवाद उत्पन्न हुआ है, के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय जांच कराया जाना एवं जाँच में कोई अनियमितता पायी जाती है तो ऐसी सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया जाना।
- विधान सभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्तियों के लिए प्राविधान किया जाना।
राज्य सरकार द्वारा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की गई नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोपों की गहनता से जाँच कराने एवं दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में कदम उठाये जा रहे हैं। इस क्रम में मेरा आपसे अनुरोध है कि विधान सभा सचिवालय में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद के दृष्टिगत कृपया उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार करने का कष्ट करेंगी।