देहरादून/रुड़की:
धामी सरकार ने उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है।
इसी क्रम में हरिद्वार जिला सहकारी बैंक लिमिटेड की शाखाओं की समीक्षा के बाद दो शाखा प्रबंधकों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि आठ शाखा प्रबंधकों की वेतन पर रोक लगा दी गई है।
यह कार्रवाई शुक्रवार को रुड़की स्थित बीटी गंज मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर निबंधक सहकारिता आनंद ए.डी. शुक्ला ने की।
📋 किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?
❌ निलंबित शाखा प्रबंधक:
- प्रशांत शुक्ला, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, बहादराबाद शाखा
- देवनारायण चौधरी, शाखा प्रबंधक, खानपुर शाखा
⚠️ जिनकी वेतन रोकी गई:
- रुड़की मुख्य शाखा
- गणेशपुर
- भगवानपुर
- झबरेड़ा
- लक्सर
- खानपुर
- राइसी
- तेजुपुर
📊 समीक्षा बैठक में क्या हुआ?
बैठक में वित्तीय स्थिति, एनपीए (Non Performing Assets), निक्षेप वृद्धि (Deposit Growth), ऋण वितरण, और प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा की गई।
👉 निर्देश दिए गए कि जिन शाखाओं का एनपीए 10% से अधिक है, उनका वेतन रोका जाएगा।
📌 टारगेट:
- एनपीए को 68 करोड़ से घटाकर 40 करोड़ करना
- जिन शाखाओं का डिपॉजिट 10 करोड़ से कम है, उन्हें 20 करोड़ तक पहुंचाना
- 15 अगस्त 2025 तक पैक्स कम्प्यूटरीकरण और शाखा सौंदर्यीकरण पूरा करना
🗣️ सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत का बयान
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस कार्रवाई को लेकर स्पष्ट किया:
“राज्य में सहकारिता प्रणाली को ईमानदार, पारदर्शी और जनता के हित में कार्यरत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उन्होंने कहा कि:
- लापरवाही या सुस्त कार्य संस्कृति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- जो अधिकारी परिणाम देंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
- जो कर्तव्यों से विमुख होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
- सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जिम्मेदारियां तय की जा रही हैं


