52 दिन तक चले आंदोलन और धरना प्रदर्शन तथा भूख हड़ताल के बाद सरकार ने आखिरकार हार मान ली और फीस बढ़ोतरी पर नैनीताल हाई कोर्ट का फैसला मानने का संकल्प जताया। इधर आंदोलनकारी छात्रों ने लिखित मे आदेश आने तक आदोलन समाप्त नही करने की बात कही है।
आंदोलनकारी छात्र ललित तिवारी तथा शिवम तिवारी ने कहा है कि जब तक निजी कॉलेजों के संचालक धरना स्थल पर आकर उन्हें लिखित में यह आश्वासन नहीं देते कि पुरानी फीस पर ही एडमिशन जारी रहेंगे, तब तक वह आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे साथ ही उन्होंने बढ़ी हुई फीस वापस लेने तलक आंदोलन समाप्त न करने की भी बात कही है।
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इस मौके पर आयुष विभाग के सभी अधिकारी मौजूद थे। हरक सिंह रावत ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का वह पालन करेंगे।
आज शाम को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ आयुष मंत्री की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी जिसमें अपर सचिव आयुष, कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय कुलसचिव और कैंपस डायरेक्टर भी मौजूद थे।
मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कॉलेजों द्वारा बढ़ाई हुई थी वापस ले ली जाएगी। छात्रों को पुरानी फीस ही देनी होगी। अनशन कारी छात्रों का कहना है कि उन्हें पहले भी कई बार आश्वासन दिया गया था इसलिए वह इस बार लिखित में आश्वासन आने के बाद ही अपना आंदोलन समाप्त करेंगे।
गौरतलब है कि इस लंबे आंदोलन से जनता के दिल में भी सहानुभूति पनपने लगी थी और लोग सरकार के प्रति आक्रोशित हो गए थे।
इस आंदोलन में सावी वर्मा जैसी समाज सेविकाएं भी सहयोग के लिए जुट गयीं थी। सावी वर्मा ने इस आंदोलन में छात्रों के लिए आवश्यक सुविधाएं जुटाने के लिए काफी प्रयास किए। जनता को भी आंदोलन में शरीक होते देख सरकार की पेशानी पर भी बल पड़ गए थे।