देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने गरीबों के आवास के सपने को पूरा करने के लिए नई आवास नीति के तहत विकासकर्ताओं के लिए छूट के नए द्वार खोल दिए हैं। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए नौ लाख रुपये के आवास पर सरकार 3.5 से 4.5 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान करेगी। शेष 4.5 से 5.5 लाख रुपये लाभार्थी को खुद देने होंगे, जिसके लिए बैंक से कर्ज लेने की प्रक्रिया को भी आसान कर दिया गया है।
मैदानी क्षेत्रों में EWS भवनों पर विशेष छूट
मैदानी क्षेत्रों में EWS आवास की अधिकतम लागत नौ लाख रुपये तय की गई है। इसमें लाभार्थी को 5.5 लाख रुपये वहन करने होंगे, जबकि राज्य सरकार दो लाख और केंद्र सरकार 1.5 लाख रुपये का अनुदान देगी। आवास निर्माण करने वाले को नौ लाख रुपये या 30,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर (जो अधिक हो) की राशि प्रदान की जाएगी।
पर्वतीय क्षेत्रों में बाखली शैली को बढ़ावा
पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक बाखली शैली में भवन निर्माण पर अतिरिक्त छूट दी जाएगी। यहां लाभार्थी को केवल 4.5 लाख रुपये देने होंगे, जबकि राज्य सरकार तीन लाख और केंद्र सरकार 1.5 लाख रुपये का अनुदान देगी। इस तरह सरकार आधी लागत खुद वहन करेगी।
स्टाम्प शुल्क में भारी राहत
राज्य सरकार ने स्टाम्प शुल्क को बेहद कम कर दिया है:
- EWS के लिए मात्र 1,000 रुपये
- LIG के लिए 5,000 रुपये
- LMIG के लिए 10,000 रुपये
पहले 10 लाख रुपये के मकान पर छह प्रतिशत स्टाम्प शुल्क (60,000 रुपये) और दो प्रतिशत पंजीकरण शुल्क (20,000 रुपये) यानी कुल 80,000 रुपये देने होते थे। अब यह प्रक्रिया महज 1,500 रुपये (500 रुपये पंजीकरण शुल्क सहित) में पूरी हो जाएगी। इसके अलावा, बैंक लोन अनुबंध पर लगने वाला 0.5% स्टाम्प शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है, जिससे 10 लाख रुपये के मकान पर 5,000 रुपये की और बचत होगी।
EWS आवास पर अन्य प्रमुख छूट
- भू-उपयोग परिवर्तन 10,000 वर्ग मीटर तक तीन महीने के भीतर प्राधिकरण स्तर पर पूरा किया जाएगा।
- नक्शा पास कराने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
- बिल्डरों को जमीन खरीदने पर स्टाम्प शुल्क में छूट मिलेगी।
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की लागत सरकार वहन करेगी।
- परियोजनाओं में कॉमर्शियल फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) मैदानी क्षेत्र में 25% और पर्वतीय क्षेत्र में 30% होगा।
- बैंक लोन पर लगने वाले ब्याज की भी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी।
अब मैदानी क्षेत्रों में ऊंची इमारतों का निर्माण संभव
पहले EWS श्रेणी के भवन अधिकतम चार मंजिला तक ही बनाए जाते थे, जिनमें लिफ्ट का प्रावधान नहीं था। लेकिन नई आवास नीति के तहत अब आठ मंजिला या 30 मीटर ऊंचाई तक के भवन बनाए जा सकेंगे। इसमें लिफ्ट की सुविधा होगी, जिसका रखरखाव बिल्डर को 10 साल तक करना होगा।