देहरादून, 6 मार्च 2025 – श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRRU) के स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज में फार्मा अन्वेषण 2025 का भव्य आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य फार्मा उद्यमिता और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना तथा फार्मेसी प्रैक्टिस में नवाचार और इनक्यूबेशन सेंटर की भूमिका को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ SGRRU की कुलपति प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी, डीन प्रो. (डॉ.) दिव्या जुयाल एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) दिव्या जुयाल ने फार्मेसी शिक्षा के जनक डॉ. एम.एल. श्रोफ के योगदान पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को फार्मा सेक्टर में उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल उद्योग में नवाचार और उद्यमिता के असीम अवसर उपलब्ध हैं, जिनका लाभ उठाने के लिए छात्रों को सतत प्रयास करना चाहिए।
विशेषज्ञों ने दिखाया सफलता का मार्ग
कार्यक्रम में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के सहयोग से फार्मा क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भाग लिया और छात्रों को औद्योगिक आवश्यकताओं एवं संभावित करियर अवसरों के बारे में जागरूक किया।
मुख्य वक्ता एवं विशेषज्ञ:
- डॉ. शिवानंद पाटिल (सेंट्रल फार्मेसी काउंसिल, उत्तराखंड) ने छात्रों को फार्मा स्टार्टअप्स और नवाचार की जरूरतों के बारे में बताया।
- त्रिभुवन सेमवाल (जनरल मैनेजर, प्रोडक्शन – यूनिमेडिको लैब्स) ने फार्मास्युटिकल उत्पादन में करियर बनाने के लिए व्यवहारिक ज्ञान और तकनीकी दक्षता विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- संदीप नारायण (हेड एचआर – प्लैनेट हर्ब) ने छात्रों को रोजगार योग्यता एवं फार्मा उद्यमिता पर ध्यान देने और उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार खुद को विकसित करने की सलाह दी।
फैकल्टी सदस्यों ने साझा किए अपने विचार
- डॉ. मीनू चौधरी ने पेटेंट और उद्यमिता पर प्रकाश डाला।
- डॉ. मनीषा मैडुली ने स्टार्टअप्स के बारे में जानकारी दी।
- डॉ. योगेश ने फार्मा उद्यमिता पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
फार्मा अन्वेषण 2025: शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग के बीच सेतु
कार्यक्रम में फार्मा उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने फार्मा उद्योग की मौजूदा जरूरतों और छात्रों से उनकी अपेक्षाओं पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के निर्देशानुसार एक विशेष यूट्यूब लिंक को भी छात्रों एवं अतिथियों के साथ साझा किया गया।
इस आयोजन ने फार्मास्युटिकल शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का कार्य किया, जिससे छात्र-छात्राओं को नवीन अवसरों और उद्योग की अपेक्षाओं की गहरी समझ प्राप्त हुई।
भविष्य में भी जारी रहेगा नवाचार का यह सिलसिला
फार्मा अन्वेषण 2025 जैसे कार्यक्रम फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शोध, नवाचार और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देते रहेंगे। इस कार्यक्रम में स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज के सभी फैकल्टी सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इसे एक सफल आयोजन बनाया।