उत्तराखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन कर प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
2004 बैच के अधिकारी पुरुषोत्तम इस समय राज्य शासन में पशुपालन और मत्स्य जैसे विभागों के सचिव पद पर तैनात हैं।
आमतौर पर शांत और कर्तव्यनिष्ठ छवि के लिए पहचाने जाने वाले इस अफसर का अचानक वीआरएस की ओर कदम बढ़ाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
पारिवारिक कारण या निजी क्षेत्र का आकर्षण?
आईएएस पुरुषोत्तम ने वीआरएस के पीछे पारिवारिक कारणों का हवाला दिया है। उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वे वर्तमान में छुट्टी पर हैं और पारिवारिक परिस्थितियों के चलते ही वीआरएस का निर्णय लिया है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि उनके पास अपने मूल राज्य आंध्र प्रदेश में निजी क्षेत्र में बेहतर अवसर मौजूद हैं। ऐसे में उनका यह फैसला केवल पारिवारिक कारणों तक सीमित नहीं माना जा रहा।
इंटर स्टेट डेपुटेशन में अड़चन बना नियम
गौरतलब है कि बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कुछ समय पहले आंध्र प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर जाने की मांग की थी, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार ने उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी दे दिया था। लेकिन भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारियों के लिए इंटर स्टेट डेपुटेशन के कड़े नियमों के चलते यह संभव नहीं हो सका।