वित्त विभाग ने राज्य में जमीन की सर्किल दरों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव के तहत सर्किल दरों में औसतन 20 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की संभावना है। खासतौर पर बड़े शहरों के उन इलाकों में जहां नए कस्बे विकसित हो रहे हैं, वहां जमीन की दरों में अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है।
चुनावों के कारण हुई थी देरी
पारंपरिक रूप से हर साल जनवरी में सर्किल दरों का निर्धारण किया जाता है, लेकिन इस बार शहरी निकायों के चुनाव होने के कारण यह प्रक्रिया विलंबित हो गई थी। हालांकि, वित्त विभाग ने इस बार पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी और जिलाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है।
पंचायत चुनाव से पहले हो सकता है फैसला
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने सर्किल दरों के प्रस्ताव तैयार होने की पुष्टि की है। अब सरकार इस महीने ही इस पर निर्णय ले सकती है। माना जा रहा है कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले सरकार नई सर्किल दरों को मंजूरी दे देगी। इस संबंध में प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में रखे जाने की संभावना है।
रेल परियोजना से प्रभावित इलाकों में दरों में इजाफा
जानकारों के मुताबिक, गढ़वाल क्षेत्र में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के कारण आसपास के इलाकों में जमीन की सर्किल दरों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अलावा, पर्वतीय शहरों के साथ-साथ देहरादून, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जिलों में भी जमीन की दरों में खासा इजाफा होना तय है।
नए कस्बों के विकास से बढ़ी मांग
बड़े शहरों के आसपास के इलाके, जो तेजी से नए कस्बों के रूप में विकसित हो रहे हैं, वहां जमीन की मांग में वृद्धि के कारण सर्किल दरों में अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह कदम राज्य के आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के विस्तार को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
सरकार का यह निर्णय न केवल राजस्व में वृद्धि करेगा, बल्कि भूमि बाजार को भी नई गति देगा। अब देखना यह है कि कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को किस रूप में मंजूरी मिलती है।