उत्तराखंड के कुछ जिलों से लगातार मिल रही शराब की ओवर रेटिंग और सीलबंद बोतलों की अनियमित बिक्री की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। आबकारी विभाग ने 1 मई से 3 मई 2025 तक प्रदेशभर में संचालित सभी शराब दुकानों और बारों का विशेष निरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, पूरे राज्य को चार मुख्य भागों में विभाजित कर अधिकारियों और आबकारी निरीक्षकों की टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम का नेतृत्व सहायक आबकारी आयुक्त या वरिष्ठ अधिकारी करेंगे, जो संबंधित जनपदों में निरीक्षण अभियान संचालित करेंगे।
चार क्षेत्रों में गठित टीमों का विवरण:
1. देहरादून, हरिद्वार और टिहरी गढ़वाल
इस क्षेत्र की जिम्मेदारी राजीव सिंह चौहान (सहायक आबकारी आयुक्त) को दी गई है। उनकी टीम में संजय रावत, दर्शन सिंह चौहान, शैलेन्द्र उनियाल, सरोज पाल और आनंद सिंह चौहान शामिल हैं।
2. पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली
इस क्षेत्र का नेतृत्व देवेन्द्र गिरी गोस्वामी करेंगे। टीम में बृजेन्द्र सिंह भंडारी, शिव प्रसाद ब्यास, रीना रौथान, मनोहर पतियाल और समरबीर सिंह बिष्ट शामिल हैं।
3. ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चम्पावत
यह टीम नाथूराम जोशी (जिला आबकारी अधिकारी) के नेतृत्व में कार्य करेगी। टीम के सदस्य हैं: सोनू सिंह, बृजेश नारायण जोशी, दीप्ति मिश्रा, उमेश पाल, धीरेन्द्र सिंह बिष्ट और दिवाकर चौधरी।
4. अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़
इस क्षेत्र में निरीक्षण का नेतृत्व प्रशांत कुमार (सहायक आबकारी आयुक्त) करेंगे। उनके साथ विष्णु थापा, गौरव जोशी, नारायण सिंह मार्तोलिया, मोहन सिंह कोरंगा और रूचिका कांडपाल नियुक्त हैं।
निरीक्षण के दिशा-निर्देश:
सभी टीमों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्रों में संचालित सरकारी मदिरा विक्रय केंद्रों, निजी लाइसेंसी दुकानों और बारों का गहन निरीक्षण करें। यदि कहीं भी निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर शराब बेची जाती है या सीलबंद बोतलों की अनियमित बिक्री पाई जाती है, तो संबंधित विक्रेताओं के खिलाफ आबकारी नीति विषयक नियमावली, 2025 के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का स्पष्ट संदेश:
यह अभियान उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त संदेश देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पाए जाने पर दोषियों के लाइसेंस निरस्त करने तक की कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का यह प्रयास पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ जनता के बीच यह भरोसा भी कायम करेगा कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।