देहरादून। उत्तराखंड की बेटी मीनाक्षी नेगी ने राज्य का नाम रोशन किया है। मूल रूप से टिहरी जिले के रोलियाल गांव (चंबा) की रहने वाली मीनाक्षी नेगी को कर्नाटक राज्य के वन विभाग की प्रमुख (हेड ऑफ फॉरेस्ट) नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण पद को संभालने वाली वह कर्नाटक की पहली महिला अधिकारी बनी हैं। उनकी उपलब्धि पर पूरे उत्तराखंड में गर्व और खुशी का माहौल है।
1989 में हुआ था IFS में चयन
मीनाक्षी नेगी 1989 बैच की भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी हैं और उन्हें कर्नाटक कैडर मिला था। उन्होंने बल्लारी, चिक्कमगलुरु और मंड्या जिलों में उप वन संरक्षक (DCF) के रूप में कार्य किया। उनके नेतृत्व में वन संरक्षण, वन्यजीव प्रबंधन और स्थानीय समुदायों के सहयोग से कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं चलाई गईं। खासकर चिक्कमगलुरु के कॉफी बागानों और पश्चिमी घाटों के पर्यावरण संरक्षण में उनके प्रयासों की सराहना की गई।
केंद्र सरकार में भी दी सेवाएं
कर्नाटक में अपने कार्यकाल के दौरान, उनकी क्षमता और प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए उन्हें केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति दी गई। उन्होंने आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ी नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यों को स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच सामंजस्य बनाने की पहल के रूप में देखा गया।
राष्ट्रीय महिला आयोग में निभाई अहम भूमिका
मीनाक्षी नेगी ने 2022-2024 के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव के रूप में भी सेवाएं दीं। इस दौरान उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा, शिक्षा और रोजगार में असमानता, कार्यस्थल पर उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत सुधार और जागरूकता अभियानों को बढ़ावा दिया। उनके नेतृत्व में महिला सुरक्षा कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के प्रयासों को मजबूती मिली।
परिवार से मिली सिविल सेवा की प्रेरणा
मीनाक्षी नेगी के पिता अतर सिंह नेगी लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA), मसूरी में कार्यरत थे। उन्हें सिविल सेवाओं का माहौल बचपन से ही मिला, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने IFS की तैयारी की। उनकी शिक्षा मसूरी के प्रतिष्ठित सी.जे.एम. वेवरली स्कूल में हुई। उनके छोटे भाई डॉ. राकेश सिंह नेगी, उत्तराखंड के पशुपालन विभाग में अपर निदेशक हैं। उनके पति विजय शर्मा भी कर्नाटक कैडर के IFS अधिकारी रहे और 2023 में सेवानिवृत्त हुए।
गांव से गहरा लगाव, युवाओं को देती हैं प्रेरणा
मीनाक्षी नेगी का अपने पैतृक गांव रोलियाल (चंबा, टिहरी) और मसूरी से गहरा लगाव है। वह हर साल गांव जाकर स्थानीय युवाओं को सिविल सेवाओं के लिए प्रेरित करती हैं और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के कार्यक्रमों में भाग लेती हैं।
उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण
टिहरी जिले की मीनाक्षी नेगी देश के किसी राज्य में हेड ऑफ फॉरेस्ट बनने वाली दूसरी उत्तराखंडी अधिकारी हैं। इससे पहले प्रतापनगर के धारकोट गांव के मनमोहन सिंह नेगी (IFS 1982 बैच) अरुणाचल प्रदेश में हेड ऑफ फॉरेस्ट रहे हैं।
मीनाक्षी नेगी की इस उपलब्धि से उत्तराखंड का मान बढ़ा है और उनके योगदान से कर्नाटक के वन एवं पर्यावरण संरक्षण को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।