स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर में अवैध खड़िया खनन से आई दरारों संबंधी स्वतः संज्ञान (पी.आई.एल.)व कुछ अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए खनन पर लगी रोक को जारी रखा और खनन से बने गड्ढों को भरने की अनुमति दे दी।
जनहित याचिका को सुनते हुए, न्यायालय ने गड्ढों को भरते वक्त केंद्रीय भू-जल बोर्ड के अधिकारियों के सामने गड्ढों की जी.ओ.टैगिंग कराने को कहा है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर उसकी मदद से खोला जा सके। न्यायालय ने कहा कि गड्ढों को भरने का जो खर्चा आएगा, उसकी वसूली खनन स्वामी से की जाए। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि जो खनन सामग्री है उसकी नीलामी पद्मश्री शेखर पाठक की अध्यक्षता में कराई जाए और उसके लिए टेंडर निकाला जाय। मामले की सुनवाई 6 सप्ताह बाद के लिए तय हुई है।
आपकों बता दे कि पूर्व में बागेश्वर कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायधीश को पत्र भेजकर कहा था कि अवैध खड़िया खनन से उनकी खेतीबाड़ी, घर, पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जो धन से सपन्न थे उन्होंने अपना आशियाना हल्द्वानी व अन्य जगह पर बना लिया है। अब गावों में निर्धन लोग ही बचे हुए हैं। उनके जो आय के साधन थे उनपर अब खड़िया खनन के लोगों की नजर टिकी हुई है। इस सम्बंध में कई बार उच्च अधिकारियो को प्रत्यावेदन भी दिए, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। इसलिए उन्हें न्यायलय की शरण लेनी पड़ी।