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आपदा में सबसे पहले काम आने वाले प्रशिक्षित हो तो बात बने

in पर्वतजन
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गिरीश गैरोला उत्तरकाशी//  

आपदा के दौरान स्थानीय लीडरशिप विकसित  करने के लिए 11 दिवसीय ट्रेनिंग उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग और पिथोरागढ़ के युवाओं को मिली ट्रेनिंग

समुदाय मे लीडरशिप के गुण विकसित करने पर ज़ोर

आपदा के दौरान फ़र्स्ट रेस्पोंडर समुदाय मे से ही कोई होता है।यदि गांव स्तर पर समुदाय के अंदर नेतृत्व का गुण विकसित कर लिया जाय तो आपदा से होने वाली क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नन्दा देवी एडवेंचर स्पोर्ट्स संस्थान के निदेशक सुनील केंथोला ने उत्तरकाशी के कफलों गांव मे उत्तरकाशी,  रुद्र प्रयाग और पिथौरागढ़ से आए 25 युवाओं के एक दल को प्रशिक्षण के दौरान यह बात कही। प्रशिक्षण मे वित्तीय सहयोग दे रहे रिलायंस ग्रुप के प्रभारी कमलेश गुरुरानी ने बताया कि  दैवी आपदा घटित होने पर अक्सर समुदाय के लोग बाहर से आने वाली मदद के इंतजार मे मुकदर्शक बनकर  कीमती समय  बरबाद  कर देते हैं। जबकि इस समय का सदुपयोग करके कई घायल व्यक्तियों को मौत के मुख मे जाने से रोका जा सकता है।

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इसके लिए कुछ छोटी-छोटी स्किल विकसित करनी  होती है।अब तक आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण  के दौरान केवल खोज-बचाव पर ही ज़ोर दिया जाता रहा है। जबकि समुदाय मे बेहतर प्रबंधन एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है ।

लिहाजा ट्रेनिंग का उद्देश्य आपदा घटित होने पर गांव स्तर पर ही बेहतर लीडरशिप विकसित करके बाहर से मिलने वाली मदद के पहुंचने तक के समय का बेहतर उपयोग करना है। इसके अलावा आपदा से पूर्व की तैयारी और आपदा घटित होने के बाद की व्यवस्थाओं पर भी नियंत्रण रखा जा सकता है।

प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को गांवों की विस्तृत रिपोर्ट और कार्य योजना बनाने का अभ्यास कराया गया। गांव की स्थिति संभावित आपदा मानव जनित आपदा और उससे बचने के उपाय , गांव मे मौजूद संसाधन आदि का लेखा-जोखा और सबसे महत्वपूर्ण आपदा घटित होने की सूचना भेजना है, जिसमे ऐसी जानकारी देनी होती है। ताकि सबसे जरूरी उपकरण और अन्य मदद जल्दी से जल्दी प्राथमिकता से मौके पर भेजी जा सके।

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