• Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

भ्रष्ट डीएफओ पर चतुर्वेदी का कस रहा शिकंजा

in पर्वतजन
0
1
ShareShareShare

Related posts

माणिक नाथ रेंज ने वनाग्नि सुरक्षा एवं रोकथाम हेतु निकाली जन जागरूक रैली

March 25, 2023
57

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में योग दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन

March 25, 2023
11
कृष्णा बिष्ट
    पिछले माह चम्पावत डिवीज़न के DFO ए.के गुप्ता की कारगुजारियां सामने आने के बाद, भारतीय वन सेवा का एक ऐसा अधिकारी फिर से सुर्खियों मे है जिस ने AIIMS  के चीफ़ विजलेंस ऑफिसर के पद पर रहते हुए सीधे केंद्र से टकराने का दम दिखाया था। वर्तमान मे वन्य अनुसन्धान केंद्र हल्द्वानी मे नियुक्त संजीव चतुर्वेदी को सरकार ने ए.के गुप्ता की जाँच का ज़िम्मा सौंपा है !
इस पर चतुर्वेदी ने बारीकी से काम करना शुरू कर दिया है। इस के लिये संजीव चतुर्वेदी ने खुद अलग –अलग जिलों से वन विभाग के लोगों को उन के बायोडाटा के आधार पर चुन के 11-11 लोगों की दो जाँच टीम बनाई हैं, जो संजीव चतुर्वेदी के निर्देश पर चम्पावत डिवीज़न मे ए.के गुप्ता के 6 वर्षों के कार्यकाल को बारीकी से खंगाल रहे हैं।
गुप्ता पर हुयी कार्यवाही  व संजीव चतुर्वेदी को जाँच अधिकारी नियुक्त करने से चम्पावत के कई लोग गुप्ता की कारगुजारियों के किस्से ले के सामने भी आने लगे हैं। यही नहीं सूत्रों के मुताबिक हर रोज जाँच अधिकारी कार्यालय को ए.के गुप्ता के कई अनैतिक कार्यों के गुमनाम शिकायती पत्र भी मिल रहे हैं।
अब प्रश्न यह उठता है कि एक अदने से अधिकारी का जाँच का जिम्मा संजीव चतुर्वेदी को ही क्यों सौंपा गया, वो भी उस अधिकारी को जिस की कबलियत को खुद डबल इंजन की सरकार ने जानबूझ के दरकिनार कर बर्फ तले दबा रखा है। क्योंकि अगर सरकार की मंशा वास्तव मे इमानदारी से भ्रष्टाचार से लडने की ही होती तो शायद संजीव चतुर्वेदी को इस तरह गुमनामी की बर्फ तले दफ़न न किया होता। ए.के गुप्ता की जाँच का जिम्मा संजीव चतुर्वेदी को देना एक अच्छी पहल है, किन्तु इस केस मे शासन से जो तत्परता  दिखाई वो ही तत्परता  अगर प्रदेश के अन्य भ्रष्टाचार से जुडे मामलों मे सरकार दिखाये तो प्रदेश को हर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले के लिये सीबीआई का मुँह ताकने की ज़रूरत ही ना हो।
 सूत्रों के अनुसार जिस दिन ए.के गुप्ता को देहरादून अटैच किया गया था उस ही दिन आनन फानन मे चतुर्वेदी को ए.के गुप्ता की जाँच का ज़िम्मा सौंपा दिया गया था। लगता है ऊपर कोई तो है जिसकी मंशा गुप्ता को ढंग से ज़मीन्दोज करने की है।
एक तरफ तो सरकार को चतुर्वेदी से दूरी बरतती है और दूसरी ओर सरकार के ही मंत्री अपनी  इमेज बिल्डिंग के लिये चतुर्वेदी की भ्रष्टाचार विरोधी छवि का इस्तेमाल करने से गुरेज नहीं कर रहे। हाल ही मे हिंदुस्तान टाइम्स मे वनमंत्री हरक सिंह का बयान इस का जीता जागता सबूत है, जहां मंत्री जी ने चतुर्वेदी के उनसे मुलाकात की बात प्रकाशित तो करवा दी, किन्तु जब चतुर्वेदी के संज्ञान मे वन मंत्री का बयान आया तो, संजीव चतुर्वेदी ने हिंदुस्तान टाइम्स के ही माध्यम से इस प्रकार की किसी भी मुलाकात का खंडन कर दिया और मंत्री के अनुसार बताये गये मुलाकात के दिन खुद के हल्द्वानी से  गोपेश्वर के रास्ते मे होने के प्रमाण दिये।हिंदुस्तान टाइम्स को दूसरे ही दिन एक तरीके से अपनी ही खबर का खंडन करना पड़ा।
Previous Post

चीन सीमा की तरफ सड़क इसी साल होगी पूरी!

Next Post

सचिन के ढहलिया हाऊस के बाद हरिद्वार की इस इमारत का नंबर!

Next Post

सचिन के ढहलिया हाऊस के बाद हरिद्वार की इस इमारत का नंबर!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Recent News

    • सावधान : ड्राइविंग लाइसेन्स से नही है आधार-पैन लिंक तो देना होगा जुर्माना
    • अपडेट : जानिए क्या है फ्री सोलर पैनल योजना , उद्देश्य और लाभ। पढ़े पूरी जानकारी
    • दुःखद: यहां आकाशीय बिजली गिरने से सैकड़ों भेड़-बकरियों की मौत। देखें विडियो

    Category

    • उत्तराखंड
    • पर्वतजन
    • मौसम
    • वेल्थ
    • सरकारी नौकरी
    • हेल्थ
    • Contact
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • उत्तराखंड
    • सरकारी नौकरी
    • वेल्थ
    • हेल्थ
    • मौसम
    • ऑटो
    • टेक
    • मेक मनी
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!