पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत को अपनी जमीन देने को तैयार है चीन?

March 3, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare

बीजिंग (जेएनएन)। चीन के एक पूर्व वरिष्ठ राजनयिक दाई बिंगुओं ने कहा है कि भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए चीन अपने कब्जे वाला एक बड़ा हिस्सा (अक्साई चीन) भारत को दे सकता है और बदले में चीन भारत से अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग की मांग कर सकता है।
अंग्रेजी अखबार टीओआई के मुताबिक, यह सुझाव तब सामने आया है जब चीन के पूर्व राजनयिक और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता ने बींजिग की एक पत्रिका को इंटरव्यू दिया। दाई बिंगुओ 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे और इससे पहले उन्होंने एक दशक से भी अधिक समय तक भारत के साथ चीन की विशेष प्रतिनिधि का वार्ता का नेतृत्व किया था। लेकिन भारत सरकार के लिए तवांग की अदला-बदली करना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां स्थित तवांग मठ भारत के साथ-साथ तिब्बत के बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। लेकिन दाई के बारे में कहा जाता है कि वह बिना चीनी सरकार की सहमति के कोई भी बयान नहीं देते हैं।

दाई अभी भी चीनी सरकार के करीबी है और रणनीतिक समुदाय में उनकी टिप्पणी को गंभीरता से लिया जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि वो चीन में सत्तासीन कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं की अनुमति के बिना ना कोई टिप्पणी करते हैं और ना ही कोई इंटरव्यू देते हैं। दाई ने साक्षात्कार के दौरान कहा कि सीमा को लेकर विवाद अभी तक जारी रहने का बड़ा कारण यह है कि चीन की वाजिब मांगों को अभी तक माना नहीं गया। उन्होंने आगे कहा कि अगर पूर्वी क्षेत्र में भारत चीन का ख्याल रखता है तो चीन भी उसी तरह से भारत की चिंताओं का खयाल रहेगा और किसी अन्य क्षेत्र (अक्साई चिन) में भारत के लिए सोचेगा।’

आपको बता दें कि दाई बिंगुओ ने कुछ इसी तरह की बातें पिछले साल आई अपनी एक किताब में भी कही थी। चीनी मामलों के जानकार श्रीकांत कोंडापल्ली बताते हैं कि 2005 से ही चीन की दिलचस्पी भारत के पूर्वी क्षेत्र ज्यादा गहरी हुई है। इसी साल दोनों देशों ने सीमा विवाद के हल के लिए नियम और राजनीतिक मानदंड तय किए गए थे। तवांग पर चीन की नजर इसलिए है क्योंकि वह इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है और 15वीं शताब्दी के दलाई लामा का जन्म भी यहीं हुआ था। बता दें कि 1962 के युद्ध के बाद चीन ने इस क्षेत्र से पीछे हट गया था।


Previous Post

किस्सा सारा कुर्सी का

Next Post

LIVE- मीरजापुर में बोले मोदी, यूपी में नजराना, सुकराना, हकराना, जबराना हर तरह का भ्रष्टाचार

Next Post

LIVE- मीरजापुर में बोले मोदी, यूपी में नजराना, सुकराना, हकराना, जबराना हर तरह का भ्रष्टाचार

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बड़ी खबर: देवभूमि गोल्ड कप में भिड़ेंगी देश की टॉप टीमें। चमकेंगे IPL स्टार्स..
  • वायरल वीडियो : मेरे होते हुए किसी की औकात नहीं, जो गरीबों की जमीन पर कब्जा करे।
  • RTI खुलासा: प्रदेश में 3 साल में 3044 महिला अपराध। 2583 बलात्कार के मामले दर्ज
  • दून में 6100 करोड़ का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट शुरू।बिंदाल-रिस्पना किनारे हटेंगे कई मकान
  • एक्शन: दून में चौकी प्रभारी 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार..
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!