देहरादून। उत्तराखंड में लॉकडाउन की अवधि 3 मई से भी आगे बढ़ सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आज हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हालांकि ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ाने की ही सहमति जताई।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में 26 अप्रैल को देहरादून जैसे रेड जोन में 3 केस पॉजिटिव आने के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि उत्तराखंड के 4 जिलों में लॉकडाउन की अवधि 3 मई से भी आगे बढ़ सकती है।
गौरतलब है कि पहले नो ग्रीन जोन वाले पर्वतीय जिलों में दुकानों को खोलने का समय सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक बढ़ा दिया गया था, लेकिन इसके विपरीत परिणामों को भांपते हुए सरकार ने अपने ही निर्णय पर रोलबैक करते हुए फिर से दुकानों के खुलने का समय घटाकर वापस 7 बजे से 1 बजे तक कर दिया। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि लॉकडाउन की समय अवधि 3 मई से आगे बढ़ सकती है। यदि कुछ छूट भी मिली तो इस बात की प्रबल संभावना है कि सार्वजनिक स्थलों पर लॉकडाउन 3 मई से भी आगे जारी रहेगा, लेकिन लंबे समय से राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों में बढ़ते आक्रोश के चलते सरकार का प्रयास है कि लॉकडाउन बढ़ाने से पहले अन्य राज्यों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों को वापस उत्तराखंड की सीमा में बुलाकर क्वारंटीन कर दिया जाए। सरकार इस बात से चिंतित हैं कि अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों में फंसें लोगों का गुस्सा उन पर भारी पड़ सकता है। इसलिए सरकार की रणनीति यह है कि लॉकडाउन-३ की घोषणा करने से पहले विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तराखंडी प्रवासियों को किसी तरह उत्तराखंड बुला लिया जाए।
लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के लिए सहमत हैं ज्यादातर मुख्यमंत्री
पीएम मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जानते हैं किसने क्या दिया सुझाव, किसने क्या रखी डिमांड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फें्रस के जरिए बात की। बैठक में उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। बैठक में कुछ राज्यों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के लिए कहा है।
22 मार्च को देश में लागू लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चौथी बार सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बात की। जिसमें महामारी की स्थिति और महामारी रोकने के लिए केंद्र और राज्यों द्वारा उठाए गए कदम पर चर्चा की। इस वर्चुअल बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में बोले पीएम, लॉकडाउन का मिला लाभ
सूत्रों के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि सामूहिक प्रयास का लाभ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का हमें लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है।
ओडिशा ने एक महीने की लॉकडाउन बढ़ाने की मांग
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ राज्य के स्वास्ख्य मंत्री नबा दास भी प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फें्रस में मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने लॉकडाउन को बढ़ाने की मांग है वरना हम राज्य में इन चीजों का सामना नहीं कर पाएंगे। लॉकडाउन को एक महीने और बढ़ा दीजिए।’
ग्रीन जोन में गतिविधियों को देंगे छूट : संगमा
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ वीडियो कॉन्फें्रस में हमने लॉकडाउन बढ़ाने की बात कही, लेकिन जोन में कुछ छूटों के साथ गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।
लॉकडाउन को बढ़ाना चाहिए : सावंत
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन जो तीन मई को खत्म हो रहा है उसे और आगे तक के लिए बढ़ाना चाहिए। इसमें राज्य के भीतर आर्थिक गतिविधियों को छूट देनी चाहिए लेकिन सीमाओं को सील किया जाना चाहिए।
मनरेगा की अवधि को 100 दिन से बढ़ाकर 150 किया जाए : त्रिवेंद्र रावत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा, ‘राज्य के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए मंत्रियों और विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया है कि मनरेगा मजदूरी रोजगार की वर्तमान अवधि को 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन कर दिया जाए।’
तीन मई के बाद बढ़ाया जाए लॉकडाउन : जयराम रमेश
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री मोदी को तीन मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर की मांग की। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फें्रसिंग में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कोरोना वायरस से निपटने के प्रयासों की सराहना की।
केरल के मुख्यमंत्री ने नहीं लिया हिस्सा
बैठक में शामिल होने वाले मुख्यमंत्रियों में अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र), ईके पलानीस्वामी (तमिलनाडु), कोनराड संगमा (मेघालय) त्रिवेंद्र सिंह रावत (उत्तराखंड) और योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश) शामिल थे। बैठक में प्रधानमंत्री सफेद और हरे रंग के बॉर्डर वाले गमछे से अपना मुंह ढंके हुए दिखे।
मेघालय, मिजोरम, पुडुचेरी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, गुजरात और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को बैठक में बोलने का मौका मिला।
वहीं अन्य मुख्यमंत्रियों से अपने सुझाव लिखित में देने के लिए कहा गया है। मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि राज्य तीन मई के बाद लॉकडाउन को जारी रखना चाहता है। जिसमें अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
बैठक के दौरान मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जो केंद्र सरकार का फैसला होगा उसे राज्य स्वीकार करेगा। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने राज्य के कोरोना योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योगों को शुरू करने की इच्छा जाहिर की और कोविड-19 से लडऩे के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मांगी।