मनोज नौडियाल, कोटद्वार
काेटद्वार।त्रिवेंद्र सरकार सबका विकास सब के साथ का दम भर रही है। जमीनी हकीकत में विकास शराब और खनन कार्य करने वालों का हो रहा है, जिसकी जमीनी सच्चाई यह है कि कोटद्वार लगभग 22 किलोमीटर लंबे और 4 किलो मीटर की चौड़ाई में बसा एक शहर है जिसकी आबादी लगभग तीन लाख है। इस क्षेत्र में जन सुविधाओं के नाम पर सरकार के पास कुछ कहनेेे को नहीं है वही जगह-जगह शराब के ठेके खोलने ने लगी हुई है, जहां इतने बड़े क्षेत्र में आज तक आंचल दूध की एक मोबाइल बैन है वही कोटद्वार क्षेत्र में सरकार का राजस्व बढ़ाने के नाम पर शराब के चार ठेके और एक मोबाइल बैन से शराब बेची जा रही है । जिसका विरोध स्थानीय महिलाएं लगातार कर रही हैं
बाइट- रंजना रावत जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा
हम बात कर रहे है। कोटद्वार के स्नेह क्षेत्र में लगभग 12 दिनों लगातार शराब की दुकान खोलने का विरोध कर रही है। प्रशासन ने विरोध को देखते हुए दुकान तो बंद करवा दी मगर शराब बेचने के लिए मोबाइल बैन की स्वीकृति दे डाली।
बाइट – राजेंद्र सिंह शराब बैन के अनुज्ञापी
वहीं सरकार द्वारा की गई इस स्वीकृति से आंदोलनकारी महिलाएं अपने आप को ठगा महसूस कर रही हैं और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश भी है।वहीं महिलाओं का कहना है कि शराब के ठेके को बंद कराने के लिए हमारा एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय विधायक से भी मिला विधायक के आश्वासन के बाद शराब की दुकान तो बंद हो गई मगर जिला अधिकारी ने शराब की बिक्री के लिए मोबाइल बैन की स्वीकृति दे डाली जिस कारण महिलाएं अपने आप को ठगा महसूस कर रही हैं वहीं महिलाओं का कहना था कि अगर शराब की दुकान बंद नहीं की गई तो महिलाएं उग्र प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। वही शराब की दुकान के अनुज्ञापी राजेंद्र का कहना था कि मानकों के आधार पर ही यहां पर दुकान खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई। मोबाइल बैन से शराब की बिक्री की स्वीकृति भी हमें सरकार द्वारा प्रदान की गई है।