स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की अंतिम तिथि नहीं बढ़ाने पर शिक्षा सचिव को सोमवार सुबह न्यायालय में तलब कर लिया है ।
अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि, मुख्य न्यायाधीश रघुवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने शिक्षा सचिव को सोमवार 5 अप्रैल को माननीय उच्च न्यायालय में तलब किया है ।
जुलाई 2020 में होने वाली सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट(सी.टी.ई.टी.) जनवरी 2021 में ही हो पाई और उनके नतीजे फरवरी 2021 में ही आ सके । इस बीच राज्य सरकार द्वारा दिसंबर 2020/जनवरी 2021 में सूबे के 10 जिलों में 2248 रिक्तियों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर और अंतिम तिथि सी.टी.ई.टी.सर्टिफिकेट जमा करने की दिसंबर 2020/जनवरी 2021 में ही रख दी ।
इस प्रक्रिया की वजह से जिन अभ्यर्थियों के नतीजे फरवरी 2021 में आए, बिना उनकी किसी गलती के, उनको आवेदन के अधिकार से वंचित रख दिया गया । इस मामले पर पौड़ी गढ़वाल के समाजसेवी अनु पंत ने एक जनहित याचिका के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई ।
सरकार की ओर से आज माननीय उच्च न्यायालय में यह कहा गया कि, वह फरवरी 2021 में आए सी.टी.ई.टी.परिणामों के संबंध में शिथलीकरण नहीं देना चाहती। इसपर खंडपीठ ने शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का आदेश दिया। गौरतलब है कि, करोना महामारी से विचलित बेरोजगार वर्ग के हितों को बचाने के लिए यह जनहित याचिका दाखिल की गई है । पूर्व में समाजसेवी रविंद्र जुगरान की ऐसी ही जनहित याचिका पर असिस्टेंट टीचर एल.टी.ग्रेड के आवेदकों को राहत देते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सी.टी.ई.टी.सर्टिफिकेट जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया था ।