एक तरफ कोरोना काल में पुलिस मिशन हौसला के तहत जरूरतमंदों की मदद कर बेहतरीन काम कर रही है।वहीं चमोली में पुलिस की एसओजी टीम में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल की और शराब व्यवसायी के खातों में रुपयों का लेन देन जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान भी खड़ा होना लाजमी है।
नंदप्रयाग में अंग्रेजी शराब की दुकान के संचालक भरत सिंह नेगी ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को भेजे गए पत्र में चमोली में तैनात एसओजी के सिपाही अनिल कुमार पर आरोप लगाया है कि, अनिल कुमार वर्ष 2020 से उससे नगद और खातों में अवैध रूप से वसूली करता रहा है।
भरत सिंह ने बताया कि, वह 2020 में घाट अंग्रेजी शराब की दुकान में कार्यरत था, तब अनिल कुमार भी घाट में ही कार्यरत था।
आरोप है कि, पैसे न देने पर आए दिन वह झूठे मामले में शिकायतकर्ता को अवैध शराब की तस्करी में जेल भेजने की धमकी देता रहता था।
आरोप लगाया कि, वर्ष 2020 में अनिल कुमार के द्वारा कई बार खातों में और नगद रुपयों की वसूली की गई है ,जिसकी बैंक डिटेल भी संलग्न है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि, वह वर्तमान समय मे नंदप्रयाग अंग्रेजी शराब की दुकान का संचालन कर रहा है।अनिल कुमार के द्वारा शिकायतकर्ता पर स्वयं को दुकान में पार्टनर रखने का भी दबाव बनाया गया, जिसे देने को लेकर शिकायतकर्ता ने साफ इंकार कर दिया।
आरोप है कि, पुलिसकर्मी ने प्रतिमाह 30,000 देने का भी दबाव भी बनाया गया। लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बनी और जिसके बाद पुलिस कर्मी ने देख लेने की धमकी दी गई।
बताया गया कि, योजनाबद्ध तरीके के शराब व्यवसायी को अवैध शराब का झूठे केस में मुकदमा दर्ज कर गाड़ी भी सीज की गई। शिकायतकर्ता ने डीजीपी से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग उठाई है।