स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में नैनीताल के एक साधारण से परिवार का रहने वाला रक्षित यू.एस.ए.के नैशनल एरोनॉटिक्स एन्ड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन(नासा)के महत्वकांशी ‘इनसाइट मिशन टू मार्स’ प्रोजेक्ट का महत्वपुर्ण सदस्य बन गया है ।
इस प्रोजेक्ट में भारत का एकमात्र सदस्य रक्षित इनदिनों अपने माता पिता के साथ दीवाली मनाने आया है ।
रक्षित जोशी की प्राथमिक शिक्षा कक्षा एक से दस तक प्रतिष्टित सैंट जोसफ कॉलेज से वर्ष 2006 में हुई, जिसके बाद 2008 में वो देहरादून से पास होकर वर्ष 2013 में मुम्बई के सेंट ज़ेवियर पहुंचे, जहां से ग्रेज्युएट होने के बाद वो नैनीताल के डी.एस.बी.कॉलेज में पी.जी.करने पहुंचे ।
कॉलेज में पी.जी.के दौरान रक्षित एरीज में ‘स्टेलर फ्लेयर’ पर काम करने लगा। रक्षित की यहां से रुचि प्लेनेटरी साइंस की तरफ बड़ी और वो म्यूनिख विश्वविद्यालय, ई.टी.ए. ज़्यूरिक, मैक्सप्लेंक इंस्टिट्यूट में पहुंच गए । एडमिशन मिलने के बाद अक्टूबर 2015 के अंत मे रक्षित ने नासा में जॉइन कर लिया । पढ़ाई के दौरान नासा के प्रोजेक्ट ‘इनसाइट मिशन टू मार्स’ की साइंस टीम में रक्षित को जगह मिल गई । ये मिशन 2018 में शुरू हुआ और रक्षित का चयन क्रस्ट स्ट्रक्चर के लिए हो गया ।
रक्षित 100 सदस्यीय ‘इनसाइट मिशन टू मार्स’ में अकेले हिंदुस्तानी हैं, जबकी इनके अलावा केवल एन.आर.आई.अंकित बारीक इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं ।
रक्षित ने बताया कि उन्हें दिन में 12 से 15 घंटे तक काम करना पड़ता है । बताया कि मार्स में धरती की तरह ही, क्रस्ट, मेन्टल और कोर हैं और इसके आकार की गाड़ना पहली बार की गई है । मर्सच ग्रह की उत्पत्ति भी धरती की तरह ही हुई है । मेग्मा के ठंडे होने से सभी पार्थिव प्लेनेट बने हैं और उनके अंदरूनी भाग स्तरित होते हैं। टीम ने सीइज्मो मीटर 2018 में मार्स में भेजा जिसने तीन वर्ष बाद रिजल्ट दे दिए और ‘मार्स क्वेक्स'(मार्स में आने वाले भूकंप)के बारे में बताया । उन्होंने बताया कि मार्स का साइज अर्थ से साइज में छोटा है । मार्स में कोई प्लेट विवर्तनिकी नहीं है और वहां का तापमान ठंडा है, इसलिए क्रिस्टल कूलिंग के कारण वहां भूकंप आते हैं । मार्स धरती के लिए हमेशा से एक रहस्य रहा है । मार्स का कोर होने के पुख्ता सबूत उनके इस मिशन ने जुटाए हैं ।
मार्स के ‘इनसाइट मिशन टू मार्स’ का अब उद्देश्य
मैग्नेटिक फील्ड ‘डाइनामो’ कैसे बना और कैसे खत्म हो गया, ये पता लगाना है ? क्रस्ट में क्या क्या तत्व हैं, पानी है या नहीं, अगर है तो कहां है ? धरती और मार्स के कोर के मैटीरियल में मार्स का मैटीरियल बहुत हल्का और बड़ा है । भारत के ‘मिशन मार्स’ और नासा के ‘इनसाइट मिशन टू मार्स’ में ये अंतर है कि हिंदुस्तान का मिशन मार्स ग्रह के चारों तरफ घूमता है और नासा की जांच टीम मार्स में उतरकर गहराई से अध्यन्न करती है । रक्षित के पिता दिनेश चंद्र जोशी कृषि विभाग से सहायक निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए, जबकि माँ सरिता जोशी गृहणी हैं । रक्षित की बहिन न्यू यॉर्क में आर्थिक सलाहकार हैं ।