देहरादून। कुछ दिन पहले श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मरीज़ की किडनी निकाले जाने की झूठी सूचना को कुछ असामाजिक तत्वों ने षडयंत्र के तहत वायरल किया था। इस सम्बन्ध में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस, प्रशासन व वरिष्ठ अधिकारियों के सामने मामले की शिकायत रखी थी। कोतवाली पटेल नगर में विनोद वर्मा ग्राम सिगनुसेरा, गिल्डी चकतेह सुरांश, जिला टिहरी गढ़वाल व अन्य के खिलाफ एन.सी.आर दर्ज की है।
विनोद वार्मा व अन्य ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में महिला मरीज़ की किड़नी निकाले जाने की झूठी सूचना पर अस्पताल में हंगामा किया व अस्पताल कर्मियों के साथ अभ्रदता की थी। विनोद वर्मा व अन्य ने जौनपुर समुदाय नामक व्हाट्सअप ग्रुप पर एक भ्रामक पोस्ट डालकर मरीज़ के परिजनों और आम जनमानस को गुमराह करने की कोशिश की गई। पोस्ट में फर्जी सूचना डालकर यह दर्शाया गया कि उपचार के दौरान मरीज़ की किड़नी निकाली गई है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रशासन के तत्काल हरकत में आने व देहरादून के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देने के बाद घटना की जॉच पड़ताल शुरू हुई। रविवार शाम को मृतक का पोस्टमार्टम हुआ। दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जानकारी दी कि किडनी मृतक के शरीर में ही पाई गई है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज़ के शरीर से अंग नहीं निकाला गया है। सीएमओ देहरादून ने भी बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रशासन ने पुलिस के सामने रखे पक्ष में यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म व फेसबुक लाइव के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व बडे शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों व रसूखदार व्यक्तियों को टारगेट करते हैं। ऐसे असामाजिक तत्व सनसनी फैलाने व ब्लैकमेलिंग के उद्देश्य से सोशल मीडिया व फेसबुक पर अनर्गल बातें व भ्रामक जानकारी अपलोड कर नामचीन संस्थानों के बारे आपत्त्जिनक व विवाद की स्थिति पैदा कर देते हैं। किडनी निकाले जाने की गलत सूचना का यह प्रकरण भी इसी मानसिकता से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। ऐसी घटनाएं आपके साथ भी हो सकती है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में हुई इस घटना से सभी को सबक लेना चाहिए, आप सभी को भी सतर्क रहने की आवश्यता है। यह घटना सभी के लिए एक संदेश भी है कि सोशल मीडियो पर प्रसारित होने वाले किसी भी प्रकार के समाचार व सूचना की प्रमाणिकता की पुष्टि के बिना उसे आगे वायरल न करें। ऐसे किसी भी झूठे व छल प्रपंच से बने समाचार या सूचना के दुष्प्रभाव में आकर लॉ एण्ड ऑर्डर को अपने हाथ में न लें। कानून तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति या समुदाय को इस प्रकार का कृत्य करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई से गुजरना पड़ सकता है।