देहरादून। बीजेपी के पूर्व सांसद एवं पूर्व कानून मंत्री डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अब उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त 228 तदर्थ कार्मिकों के पुनः बहाली के पक्ष में पैरवी की है| बीजेपी के वरिष्ठ राजनेता एवं अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सर्वदलीय बैठक बुलाकर या किसी अन्य स्तर से जो भी सम्भव हो, कर्मचारियों के पक्ष में न्याय संगत कार्यवाही करने के लिए कहा है|
विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त 228 तदर्थ कार्मिकों द्वारा सयुक्त रूप से पूर्व कानून मंत्री को पत्र लिखकर उनके साथ हुए अन्याय के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसका संज्ञान लेते हुए डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण से कर्मचारियों के साथ न्याय कर पुनः बहाली की बात कही है|
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि
*’मैं आशा करता हूँ कि आप सर्वदलीय बैठक या अपने स्तर से जो भी सम्भव हो इन कर्मचारियों के पक्ष में न्याय संगत कार्यवाही करें क्योंकि मुझे भी लग रहा है कि इनके साथ अन्याय हुआ है एक ही राज्य में एक ही तरह से लगे कर्मचारियों के साथ अलग अलग भेदभाव किया जाना ठीक नही है।आपसे आशा ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास करता हूँ कि आप कर्मचारियों को पुनः बहाली अवश्य करेगें*
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कार्मिकों को विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए 2 महीने से अधिक समय बीत चुका है, इस दौरान कार्मिक उनके साथ हुए अन्याय एवं भेदभाव को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, कार्मिकों का कहना है कि जब राज्य गठन से लेकर अब तक विधानसभा में एक ही प्रक्रिया से नियुक्ति हुई है तो कार्यवाही केवल 2016 एवं उसके उपरांत की नियुक्तियों पर ही क्यों की गई| कार्मिकों के इस आंदोलन के समर्थन में कांग्रेसी एवं अन्य विपक्षी दल भी खुलकर सामने आए हैं, यहां तक की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित विभिन्न कांग्रेसी नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष से भेंटकर बर्खास्त कार्मिकों की बहाली के संबंध में वार्ता कर ज्ञापन भी सौंपा है| इस बीच अन्य विभागों के कर्मचारियों के विभिन्न संगठन भी लगातार बर्खास्त कर्मियों को अपना समर्थन दे रहे हैं| वहीं अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्मिकों की बहाली की पैरवी कर आंदोलन को ताकत दे दी है | बहरहाल देखना अब यह है कि मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष सर्वदलीय बैठक बुलाकर या फिर अन्य किसी स्तर से बर्खास्त कार्मिकों के बहाली की कार्रवाई करते हैं या नहीं| कार्मिकों को भी अब उम्मीद है कि उनके साथ जरूर न्याय होगा|