उत्तराखंड के ही लोग बाहर के लोगों को उत्तराखंड में बसा रहे हैं और छोटे-छोटे लालच के लिए बाकायदा फर्जी प्रमाण पत्र तक तैयार करने में मदद कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला पिथौरागढ़ में सामने आया है।
मुजफ्फरनगर के शिकारपुर निवासी साजिद ने पिथौरागढ़ के भाटकोट के पते पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया और आराम से जिला मुख्यालय के शास्त्री मार्केट में कपड़े की दुकान चलाने लगा।
नगर में चल रहे सत्यापन अभियान के दौरान यह मामला पकड़ में आया कि साजिद वर्ष 2014 में पिथौरागढ़ आया और उसने अपना जन्म वर्ष 2004 में पिथौरागढ़ के भाटकोट में होना दर्शाते हुए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा दिया।
उसमें इसकी मदद स्थानीय विमल नाम के युवक ने की। विमल ने ₹3000 में उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवा दिया।
ऐसे खुला मामला
जन्म प्रमाण पत्र पर भाटकोट ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की मोहर लगी थी। जबकि भाटकोट क्षेत्र नगरपालिका के अंतर्गत आता है और नगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों का जन्म प्रमाण पत्र नगर पालिका परिषद ही जारी करती है।
शक होने पर जांच की तो फिर राज खुल गया कि उसे गैस कनेक्शन के लिए जन्म प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ी थी और उसने गांधी चौक में सब्जी की दुकान चलाने वाले अपने मित्र फहीम से संपर्क किया तो फहीम ने उसे विमल नाम के युवक से मिलाया था।
बहरहाल उप जिलाधिकारी सदर अनुराग आर्य ने बताया कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में मदद करने वाले दो और लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
गौरतलब है कि आजकल बाहरी लोगों के सत्यापन का अभियान चलाया जा रहा है, उसी दौरान यह मामला पकड़ में आया।
एसडीएम अनुराग आर्य ने कहा कि सभी बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए प्रपत्रों की जांच की जा रही है और यह कार्यवाही जारी रहेगी।