गढ़वाल विश्वविद्यालय और समृद्ध कॉलेज में दाखिले के लिए यूजीसी ने नई व्यवस्थाएं बना दी है, जिससे एडमिशन लेने वाले छात्रों को काफी राहत मिलेगी।
दरअसल,इस वर्ष गढ़वाल विवि व संबद्ध कॉलेज में सीयूईटी से दाखिलों की अनिवार्यता थी, लेकिन जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में छात्र इसमें शामिल नहीं हो पाए थे। इस वजह से गढ़वाल विवि में करीब पांच हजार व कॉलेज में करीब 15 हजार सीट खाली रह गईं थीं।
छात्र संगठनों के आंदोलन के बीच गढ़वाल विवि ने यूजीसी को पत्र भेजा।इसके बाद विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में समिति ने मामले पर रिपोर्ट यूजीसी को भेजी।
अब यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष आर जोशी ने मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसमें यूजीसी ने माना कि केंद्रीय विवि में इतनी बड़ी संख्या में सीट खाली रहना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि छात्रों के गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा न मिलने की वजह भी है।
लिहाजा, तय किया गया कि पहले सभी विवि व संबद्ध कॉलेज में सीयूईटी के माध्यम से दाखिले किए जाएंगे। इसके बाद बची हुई सीटों के लिए विवि या तो स्क्रीनिंग टेस्ट कराएगा या फिर क्वालिफाइंग परीक्षा यानी 12वीं, ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर मेरिट से दाखिले देगा। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि दाखिलों की प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शी होगी।