पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • टेक
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • टेक
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

गड़बड़झाला: 1,68,62,592 रुपये पल्ले में, बाँट दिये 2,81,04,334 रुपये

April 14, 2021
in पर्वतजन
latest uttarakhand news,
ShareShareShare

Advertisement
ADVERTISEMENT

रिपोर्ट/राजकुमार सिंह

शायद इसे ही डिमॉक्रेसी का दुरुपयोग कहते हैं। डिमॉक्रेसी में तभी घुन लगता है जब सत्ताधारी पार्टी और उसके समर्थकों में यह भावना घर कर जाती है कि ‘जब सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का’ !

भले ही सेनापति यह स्थिति नहीं चाह रहा हो और न ही वैसा करने को कहे, लेकिन अतिउत्साही और दुस्साहस पर आमादा समर्थक कदम-दर-कदम अपने कृत्य और बयानों से माहौल खराब करते ही रहते हैं। 

आज सत्ता पार्टी इसी दौर से गुजर रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण है बागेश्वर जिला पंचायत में 23 मार्च मंगलवार को राज्य योजना और नियोजन समिति द्वारा पारित बजट का प्रकरण। जो आठ अप्रैल को अनुमोदन किया गया।

            बात करते है बजट कि, तो जिला पंचायत को वित्तीय वर्ष 2020-21 मे नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी तक तीन महीनों मे एक करोड़ अड़सठ लाख बारह हजार चौसठ रुपये की धनराशि का आवंटन हुआ था। परन्तु जिला पंचायत ने अध्यक्ष व सरकार के निर्देशन मे दो करोड़ इकासी लाख चार हजार तीन सौ चौतीस रुपये का व्यय विवरण सदन के सामने रखा गया। 

जिसमे फरवरी व मार्च माह का अनुमानित बजट भी सम्मिलित किया गया है, जो अभी तक जिला पंचायत को प्राप्त ही नहीं हुआ है। जिससे नियोजन समिति के सदस्यों व जिला पंचायत अध्यक्ष पर विपक्ष ने सम्मानित सदस्यों को गुमराह करने व उनके क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों में अवरोध पैदा करने का आरोप लगाते हुए सदन में जमकर हंगामा काटा था।

 विपक्ष का कहना था कि, हम सभी को अपने– अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धन की  आवश्यकता होती है|  जिसे जिला पंचायत गुमराह कर विकास में बाधक बनने का काम कर रही है।

वहीं विपक्ष ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी पर सरकार के साथ मिलीभगत कर उनके क्षेत्रों का बजट काट कर अध्यक्ष को खुश करने का भी आरोप लगाया है। 

वहीं विपक्ष का कहना है कि, अपने आप में यह सुनना ही कितनी शर्मिंदगी है|  बात को केवल स्टेटमेंट बनाकर नहीं छोड़ देना चाहिए|  ‘जनता ने अब उन्हें मौका दिया है’ आज जरूरत है कि सारे सदस्य यह मानें की जब जनता की इच्छा को स्वीकार किया है तो क्षेत्र के विकास में सक्रिय और सकारात्मक योगदान भी दें। अपने अंदर झांककर देखना चाहिए कि क्या इस तरह के अभियान विकास के रास्ते के अड़ंगे नहीं हैं? 

सदन मे बजट से पहले अध्यक्ष के विवेकाधीन कोष पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के सदस्यों के अनुसार पूर्व की बैठक मे अध्यक्ष के लिए 20 प्रतिशत पर सहमति जताई गई थी। परन्तु आज सदन मे बगैर प्रस्ताव के ही 30 प्रतिशत यह कहकर बढ़ा दिया गया कि, अध्यक्ष को जगह-जगह घोषनाए करनी पड़ती हैं।

 5 प्रतिशत सरकार जनता के द्वार/ जन शिकायत/सीएम हेल्पलाइन के लिए और 25000 प्रतिमाह जिला पंचायत के सामाजिक कार्यो के लिए प्रस्तावित कर पारित किया गया। उसके बाद जो बचेगा उसमे सभी 19 सदस्यों को बराबर बांटा जायेगा, जो सरासर गलत है। जिसके चलते सभी सदस्य अपने क्षेत्रों मे आज ठगा हुआ महसूस कर रहे है।

जिला पंचायत के वित्तीय परामर्शदाता ने इस पूरे बजट को गलत बताया

गौरतलब है कि, जिला पंचायत बागेश्वर के वित्तीय परामर्शदाता धीरेश कुमार से हमारे संवाददाता ने टेलीफोनिक वार्ता में तथ्यों के साथ जब पूछा, तो पहले तो वह छुट्टी का बहाना बनाकर टालते रहे, बाद में उन्होंने इस पूरे बजट को गलत बताते हुए इसे निरस्त करने की बात कही। 

उन्होंने बताया कि, सदन में जब भी कोई बजट लाया जाता है या जिसके लिए सदस्यों से प्रस्ताव लिए जाते हैं वह विभाग के पास उपलब्ध धनराशि पर ही लिया जाता है। सरकार से आने वाले बजट को इसमें शामिल किया जाना नियम के अनुरूप नहीं है। इसलिए इस बजट को निरस्त कर पुनः बजट पर जिला पंचायत को सदन बैठाना चाहिए।

जिला पंचायत को प्राप्त कुल बजट  –    1,68,62,592.00 ( 56,20,864.00 प्रतिमाह)

वेतन भत्तों पर खर्च  –                       48,65,598.00   (16,21,866.00 प्रतिमाह)

जिलाध्यक्ष विवेकाधीन 55 %   –                                         65,98,330.00 

 कुल शेष –                                   53,98,634.00 (सभी 19 सदस्यों में समान वितरित)

जो अध्यक्ष कहें वही सही – सुनील 

इस पूरे प्रकरण को लेकर जब हमारे बागेश्वर संवाददाता राजकुमार सिंह ने जिला पंचायत के कार्यकारी अपर मुख्य अधिकारी ड़ा० सुनील कुमार ने छुट्टी पर होने की बात करते हुए जिला पंचायत के बजट खर्च की कोई निश्चित गाइडलाईन का न होते हुए बताया कि, सदन मे पास कराने के बाद बजट को किसी भी क्षेत्र की योजनाओ के निर्माण मे खर्च किया जा सकता है।

 उन्होने बताया कि, राजनीतिक मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होने बताया कि, 5 प्रतिशत सरकार जनता के द्वार/ जन शिकायत/सीएम हेल्पलाइन के लिए और 25000 प्रतिमाह जिला पंचायत के सामाजिक कार्यों के लिए प्रस्तावित बजट के प्रस्ताव को सदन में  पास किया गया है|  उसके बाद ही इस पर बजट का आवंटन किया गया है। उन्होने वित्तीय परामर्शदाता के बयान से बचते नजर आए।  

उनका कहना है कि, जिला पंचायत अध्यक्ष जो कहे वह सही है, बजट ठीक है।  मैं जिला पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नियुक्त सरकारी क्रमचारी हूँ।  बाकी जानकारी आप मेरे कार्यालय आकर ले सकते है, फोन पर मैं इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता हूँ।    

सैनिक की बेटी हूं,हार नहीं मानूँगी – बसंती देव 

जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने बीते आठ अप्रैल को जिला पंचायत की सामान्य बैठक में हुए बवाल पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, जिपं में सारे फैसले सर्व सहमति से हो रहे है। विपक्षी सदस्य उन्हें दबाव में लेने की कोशिश कर रहे है।

 उन्होंने कहा कि, वह एक सैनिक की बेटी हैं, ऐसे दबाव में आने वाली नहीं है। जिला पंचायत के सभी काम नियम अनुरूप संपादित किए जा रहे है।

निदेशक और आयुक्त से करेंगे शिकायत : हरीश ऐठानी 

जिला पंचायत सदस्य हरीश ऐठानी ने कहा है कि, जिप में हो रही अनियमितताओं की शिकायत नियम 133 के तहत पंचायती राज निदेशक और कुमाऊं आयुक्त से की जाएगी| उसके बाद न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि, अध्यक्ष अनियमितता छुपाने के लिए सैनिक की बेटी होने का राग अलाप रही है। पदों से अधिक नियुक्ति, बगेर कार्यभार ग्रहण किए एमए का 97 हजार रुपया वेतन जिपं से देने समेत तमाम अनियमितताओं का जवाब देना होगा। सदस्यों के अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी और क्षेत्र कि उपेक्षा किसी भी सूरत मे स्वीकार नहीं की जायेगी।

चलते-चलते –

‘मुर्गी पहले आई या अंडे’ की अबूझ पहेली तो अब तक सबको भरमाए हुए थी, लेकिन अब ‘योजना’ से पहले ‘नीति’ के आ जाने से सारे नेता भौचक्के हैं। 

उनका कहना है कि, जिला पंचायत की तुकबंदी सरकार पहले कोई ठोस योजना बनाएगी, तभी तो उसके मुताबिक नीति तैयार होगी|  किसी के पास इसका जवाब नहीं है कि बिना योजना बनाए नीति कैसे बनेगी?


Previous Post

ॠषिकेश मेयर से संबंधित खबर पोर्टल ने ली वापस। जताया खेद।

Next Post

जालसाजी: भाजपा प्रत्याशी ने झोंकी निर्वाचन आयोग की आँख में धूल

Next Post
latest uttarakhand news

जालसाजी: भाजपा प्रत्याशी ने झोंकी निर्वाचन आयोग की आँख में धूल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • AAI Recruitment 2025 में मिलेगा ₹1.5 लाख वेतन । 1 अगस्त तक करें आवेदन
  • डीएम बंसल ने खुद चढ़ा पहाड़:  चकराता में नए CHC के लिए देखी जगह । जल्द भेजा जाएगा प्रस्ताव
  • बार-बार Loan Inquiry से गिर रहा हैं आपका Credit Score | जानिए बचने के आसान तरीके
  • बिग ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले ..
  • शानदार पहल: ITI छात्रों को हर महीने मिलेगा 8000 रुपये स्टाइपेंड । जानिए पूरी अपडेट ..
  • उत्तराखंड
  • टेक
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
« Jun    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • टेक
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!