महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र चंपावत द्वारा अपने सरकारी वाहन पर उपनल के माध्यम से तैनात वाहन चालक सुरेश फर्त्याल पर करोना करवाने का झूठा आरोप लगाकर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
नौकरी से बर्खास्त होने के कारण कोविड काल में वाहन चालक के परिवार पर विपदा का पहाड़ टूट पड़ा ।जिस के संबंध में अधिकारियों से प्रार्थना करने पर भी वाहन चालक को राहत प्राप्त नहीं हुई ।
वाहन चालक पर लगाए गए आरोपों का राजकीय वाहन चालक महासंघ उत्तराखंड के संरक्षक संदीप कुमार मौर्य द्वारा संज्ञान लेते हुए अपने घटक संगठन संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ उत्तराखंड को उक्त विषय में कार्यवाही करने हेतु अधिकृत किया गया।
हरीश कोठारी प्रदेश अध्यक्ष संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ उत्तराखंड ने इस प्रकरण पर कार्यवाही करते हुए मंत्री उद्योग गणेश जोशी उद्योग सचिव उत्तराखंड सरकार आयुक्त उद्योग निर्देशक उद्योग, जिलाधिकारी चंपावत, से पत्राचार किया और इसके फलस्वरूप जिलाधिकारी चंपावत द्वारा मुख्य विकास अधिकारी चंपावत को जांच अधिकारी नियुक्त कर कार्यवाही करने के लिए अधिकृत किया गया।
मीरा बोरा महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र चंपावत द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से वाहन चालक सुरेश फर्त्याल को बिना नोटिस दिए कार्य से हटाना किसी भी अधिकारी को उचित नहीं लगा ।जिस क्रम में निदेशक उद्योग द्वारा भी महाप्रबंधक चंपावत का स्पष्टीकरण किया गया ,लेकिन महाप्रबंधक द्वारा वाहन चालक को कोई राहत प्रदान नहीं की गई। अपितु वाहन चालक से सरकारी आवास भी खाली करवा दिया गया।
आवास खाली कराने से वाहन चालक का परिवार कोविडकाल में सड़क पर आ गया ।नौकरी जाने से सुरेश फर्त्याल के परिवार के सामने परिवार के पालन पोषण का गंभीर संकट पैदा हो गया ।
जिसका संज्ञान लेते हुए राजकीय वाहन चालक महासंघ जनपद शाखा चंपावत द्वारा सुरेश फर्त्याल की मदद की तथा उच्च अधिकारियों से पैरवी की।
दिनांक 9/7/2021 को मुख्य विकास अधिकारी चंपावत द्वारा विभिन्न पहलुओं पर जांच कर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी चंपावत को सौंप दी गई। अभी तक वाहन चालक सुरेश फर्त्याल को कोई राहत नहीं मिली है ।
मुख्य विकास अधिकारी चंपावत द्वारा की गई जांच में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा लगाए गए कोरोना फैलाने के आरोप निराधार पाए गए हैं। तथा वाहन चालक कोरोना फैलाने के झूठे आरोप से जांच मुक्त हैं।
देखना होगा कि उच्चाधिकारी उक्त जांच रिपोर्ट पर कब तक कार्यवाही कर वाहन चालक के परिवार को राहत पहुंचाते हैं।