सीएचओ भर्ती पर आवेदन-आवेदन खेल रही सरकार। रिकाउंसलिंग क्यों नहीं!!
अगस्त माह में CHO के 300 पदों पर भर्ती निकाली गयी जिसे एनएचएम के माध्यम से कराया गया। जिसके लिए लगभग 12,000 अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किये गये। 27, 28 एवं 29 अक्टूबर को काउंसलिंग रखी गयी जिसमें 185 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। रिक्त 115 पदों के लिए अब पुनः भर्ती निकाल दी गयी हैं, जबकि शुरू से हमारी मांग हैं कि, इन रिक्त पदों को रिकाउंसलिंग के माध्यम से भरा जाएँ। क्योंकि आज 10,000 से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन एनएचएम के पास हैं न सिर्फ़ आवेदन बल्कि कई अभ्यर्थियों के 1,03,400 रुपये के ड्राफ़्ट भी एनएचएम के पास हैं।दोबारा भर्ती प्रक्रिया में समय, अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन पुनः फॉर्म भरने का ख़र्च, भर्ती प्रक्रिया में होने वाले सरकारी व्यय का नुकसान ही हैं और पुनः आवेदन भी उन्हीं अभ्यर्थियों ने करना हैं जो दो माह पूर्व आवदेन करके बैठे हैं। तो फिर पुनः भर्ती प्रक्रिया क्यों रिकाउंसलिंग क्यों नहीं?
यह है पूरा मामला
अगस्त माह में सीएचओ के 300 पदों पर भर्ती निकाली गयी थी जिसे एनएचएम के माध्यम से कराया गया था। उक्त भर्ती के लिए एनएचएम द्वारा ऑनलाइन आवेदन मांगें गये। एनएचएम द्वारा 27,28 एवं 29 अक्टूबर को देहरादून में काउंसलिंग रखी गयी जिसमें 185 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। तीन दिवसीय काउंसिलिंग के पश्चात 115 पदो पर चयन नही हो पाया। इस भर्ती के लिए 10000 से अधिक अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किया गया था साथ ही कई अभ्यर्थियों के 1 लाख तीन हजार चार सौ रुपये के ड्राफ्ट भी एनएचएम के पास है।
रिक्त 115 पदों पर रिकाउंसलिंग कर चयन किया जाये तो ठीक है। राज्य के बेरोजगार युवाओ के हित को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द इन पदों पर चयन ले लिए एनएचएम रिकाउंसलिंग करे इससे दोबारा भर्ती प्रक्रिया में होने वाले खर्च के कारण राजस्व के नुकसान से भी बचा जा सकता हैं। जबकि अन्य राज्यों में भी रिकॉन्सलिंग विकल्प रखा जाता हैं।।