करोडों की बनी झील, ग्रामीण पेयजल को भी मोहताज
बैजनाथ में करोड़ों की झील बनने के बाद स्थानीय लोगों, महिलाओं में एक आस जग रहीं थी कि, झील बनने से स्थानीय ग्रामीणो, बैजनाथ, स्यालदे टीट, भगुनखोला के लोगों/बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, परन्तु यहाँ स्थिति बिल्कुल विपरीत है। यहाँ स्थानीय लोगों को पीने तथा कपड़े धोने का पानी तक नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों के कहा कि, बैजनाथ झील बनने से पहले सिंचाई, कपड़े धोने तथा पीने के पानी की कोई समस्या नही होती थी। अब सिर्फ अवैध खनन कारोबारीयों के लिये यह वरदान साबित हो रहा है।
रिपब्लिकन पार्टी आँफ इण्डिया रिफाॅरमिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल वनवासी तथा स्थानीय ग्राम प्रधान शाबीना ने शीघ्र ग्रामीणों की समस्या का सामाधान नहीं करने पर जनान्दोलन की चेतावनी दी है। वनवासी ने कहा कि, ग्रामीणों को पेयजल तथा कपड़े धोने के पानी के लिये प्रशासन उन्हे न रोके, वरना जनान्दोलन के लिये मजबूर होना पड़ेगा। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी गरुड़ को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया है, वनवासी ने स्पष्ट कहा कि, ग्रामीणों को किसी तरह की कोई समस्या न हो।