खुलासा :ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल तुड़ाने को सरकारी एजेन्ट दे रहे कोरोना का तर्क

अनुज नेगी

देहरादून। उत्तराखंड के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग में सहायक निदेशक के पद पर तैनात अधिकारी रवि बिजारनिया ने पदोन्नति में आरक्षण कर रहे जनरल ओबीसी के आंदोलनकारियों को जमकर कोसा है।

रवि बिजारनिया कोरोना की आड़ में जनरल ओबीसी आंदोलनकारियों पर तंज कसते हुए कहा है कि “सारा सिस्टम कोरोना के चक्कर में बंद है। लेकिन आंदोलनकारियों को जनता से कोई लेना-देना नहीं। गौरतलब है कि रवि बिजारनिया वर्तमान में एक अधिकारी के रूप में कम और भारतीय जनता पार्टी के एजेंट की तरह  ज्यादा काम कर रहे हैं।”

रवि बिजारनिया की पोस्ट

 

रवि बिजारनिया ने यह भड़ास अपनी फेसबुक पोस्ट पर निकाली है। इसी तरह से एक सरकारी पत्रकार कमेटी मे नये नये नियुक्त हुए ब्रह्मदत्त शर्मा ने भी अपने फेसबुक पर लिखा है कि “कोरोनावायरस को देखते हुए सभी को अपने काम पर लौट जाना चाहिए।”

ब्रहम दत्त शर्मा की पोस्ट 

जाहिर है कि इन दोनों ने कभी भी आंदोलनकारियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से विचार विमर्श करने की राय नहीं दी होगी और इससे पहले न कभी इस आंदोलन के पक्ष या विपक्ष में।

इनकी राय को अब कोरोनावायरस की आड़ में आंदोलनकारियों के खिलाफ माहौल बनाकर सरकार के सामने अपने नंबर बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है।

प्रदेश भर में इन दिनों डेढ़ लाख से ज्यादा जनरल-ओबीसी कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं,मगर प्रदेश सरकार इन कर्मचारियों की सुध तक नही ले रही है,बल्कि प्रदेश सरकार कोरोना वायरस की आड़ लेकर इन कर्मचारियों का आंदोलन को दबाना चाहती है।

हालांकि कोरोना को लेकर इन दिनों हालात वाकई संवेदनशील हैं। और सरकार को तत्काल इस पर निर्णय लेकर आंदोलन समाप्त कराने की कार्यवाई करनी चाहिए।

प्रदेश में सरकार व सरकार के एजेन्ट इन दिनों जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल तुड़ाने में अब कोरोना वायरस का तर्क दे कर कर्मचारियों से हड़ताल तुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं।सरकार के ये एजेन्ट इन दिनों सोशल मीडिया पर सक्रिय हो कर जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल तुड़ाने के लिए माहौल बनाने का जुगाड़ कर रहे हैं।

सरकार और प्रशासन कोरोना वायरस को लेकर तमाम एहतियाती कदम उठा रहे हैं, मगर सरकार मे शामिल नेता एक ओर कोरोना पर दुसरों को नसीयत दे रहे हैं कि ज्यादा भीड़ वाले स्थानों में जाने से बातें, वहीं सरकार के नेता खुद भीड़ वाले कार्यक्रमों में हिस्सा ले कर भीड़ जुटा रहे हैं।

रविवार को टॉउन हाल में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस कार्यक्रम में सौ से दो सौ लोग मौजूद थे। इन लोगों के लिए सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था नही की गई थी।

इधर मसूरी विधायक गणेश जोशी ने भी खुद को भीड़ से दूर नही रखा। विजय कॉलोनी में 40 से 50 लोग विधायक के कार्यक्रम में जुटे थे,अब सवाल यह है कि प्रदेश सरकार दुसरों को नसीहत देती नजर आ रही है, मगर सरकार के नेता खुद ही भीड़ जुटा रहे हैं।क्या इन नेताओं को कोरोना जैसे महामारी से कोई भय नही है !

क्या सरकार कोरोना की आड़ में कर्मचारियों के आंदोलन को दबाना चाहती है !

कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने और भीड़ वाले कार्यक्रमों पर कानूनी रोक के बीच उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने ऐलान किया कि उनका आंदोलन किसी भी कीमत कर नहीं थमेगा।

कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर लगाये आरोप

जनरल-ओबीसी कर्मचारी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का यह कदम सीधे सीधे जनरल ओबीसी कर्मचारियों के आंदोलन को प्रभावित करने की मंशा से उठाया गया है। अब पीछे हटने का सवाल पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि सरकार को जो रोक लगानी हो लगाए, अब हड़ताल तभी रुकेगी जब सरकार प्रमोशन से रोक हटाएगी।

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