एक्सक्लूसिव: ध्वनि प्रदूषण के मद्देनजर देहरादून में रेहड़ी, फेरी आदि वाले लाऊड स्पीकर लगा नहीं बेच पाएंगे सामान

देहरादून में सब्जी, फल आदि हर तरह का सामान बेचने वाले अधिकतर रेहड़ी, फेरी, साईकिल, गाड़ी वालों द्वारा लाऊड स्पीकर का लगातर प्रयोग करते हैं। जिससे ध्वनि प्रदूष,, प़ढाई में बाधा उत्पन्न करना,ध्वनि प्रदूषण से बीमार एवम् बुजुर्गो को भी परेशानी पहुंचाना जैसे अनेकों नुकसान होते हैं।

लेकिन अब उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में आदेश जारी करते हुए इस तरह के मामलों पर उचित कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है।

दरअसल,छात्रा सृष्टि ने उपरोक्त मामले की जनहित में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तराखंड में शिकायत भेज कर प्रार्थना की गई कि देहरादून में सब्जी, फल आदि हर तरह का सामान बेचने वाले अधिकतर रेहड़ी, फेरी, साईकिल, गाड़ी वालों द्वारा लाऊड स्पीकर का प्रयोग कर सामान बेचने का कार्य किया जा रहा है, आवासीय इलाकों में भी ध्वनि प्रदूषण हो रहा है जिस कारण लोग चिड़चिड़े और बीमार हो रहे हैं।

अधिकतर रेहड़ी, फेरी, साईकिल, गाड़ी वालों द्वारा लाऊड स्पीकर का प्रयोग करने के कारण प़ढाई में बाधा उत्पन्न हो रही हैं।

साथ ही अधिकतर रेहड़ी, फेरी, साईकिल, गाड़ी वालों द्वारा लाऊड स्पीकर का प्रयोग करने के कारण बीमार एवम् बुजुर्गो को भी परेशानी हो रही है।

अधिकतर रेहड़ी, फेरी, साईकिल, गाड़ी वालों द्वारा सामान बेचते समय लगातार लाऊड स्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है।

ध्वनि प्रदूषण मामले में माननीय हाईकोर्ट उत्तराखंड द्वारा भी सरकार से जवाब मांगा गया है। 

यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है इसलिए जनहित में जल्द से जल्द कार्यवाही किए जाने की कृपा करें।

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा छात्रा सृष्टि की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून को आदेश जारी किए गए कि छात्रा सृष्टि द्वारा देहरादून की सब फल सब्जी आदि हर तरह के सामान बेचने वाले अधिकतर रेहडी-फेरी साइकिल गाड़ी वालों द्वारा लाउडस्पीकर का लगातार प्रयोग कर सामान बेचने का कार्य कर ध्वनि प्रदूषण फैला पढ़ाई में बाधा उत्पन्न करना, बीमार एवं बुजुर्ग लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ध्वनि प्रदूषण मामले में माननीय हाईकोर्ट उत्तराखंड द्वारा भी सरकार से जवाब मांगा गया है। जिस हेतु प्रार्थनी द्वारा उचित कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया है। अत:उक्त प्रकरण में कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही की आख्या दिनांक 05.7.2023 से पूर्व आयोग को उपलब्ध करवाएं।

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