3 मार्च 2025 मोरी।
नीरज उत्तराखंडी
– करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी लिवाड़ी के ग्रामीण प्यासे ,विभाग को नही फर्क।
-जल जीवन मिशन योजना के तहत दो साल बाद भी गांव तक नहीं पहुंच पाया पानी।
मोरी विकासखंड के सीमांत गांव लिवाड़ी में जल जीवन मिशन योजना के तहत जल संस्थान ने एक करोड़ की धनराशि खर्च कर दी, योजना कार्य पूरा करने के दो वर्ष बाद भी गांव में पानी नहीं पहुंचा । ग्रामीण प्राकृतिक स्रोत से पानी ढो कर लाने को मजबूर हैं।
मजे कि बात तो यह कि योजना का बोर्ड भी लिवाड़ी से पांच किमी दूर कासला गांव में लगा दिया। जल जीवन मिशन योजना के नाम पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संबंधित विभाग सरकारी धन का जमकेर दुरुपयोग कर रहे हैं।
बताते चलें कि गांव को पेयजल आपूर्ति से जोड़ने के लिए 104.93 लाख की लागत से कार्य शुरू किया।
यह कार्य अप्रैल 2023 में पूरा हो गया है। लोग अभी भी स्रोतों से पानी की आपूर्ति कर रहे हैं।
स्थिति यह है कि जल संस्थान अब जिला योजना के मद से वहां पर कार्य करवाने जा रहा है।
ग्रामीण रमेश लाल का कहना है कि पाइप लाइनें आधी-अधूरी बिछाकर छोड़ दी गई है। जो टैंक बनाया है, वह भी लीकेज कर रहा है। जल संस्थान और उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों को पानी के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।उन्होंने शासन-प्रशासन से संज्ञान लेकर दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की।
क्या कहते हैं जल संस्थान के इंजीनियर
जल संस्थान के अवर अभियंता अंकित राणा ने कहा कि प्रथम फेज का कार्य मेरे कार्यकाल से पहले हुआ था। उसमें ठेकेदार के काम न करने पर पैसा सेविंग किया गया था।