भारत-चीन सीमा पर स्थित माणा गांव में शुक्रवार सुबह बीआरओ कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें 55 मजदूर फंस गए। ये मजदूर बीते कुछ दिनों से निर्माण कार्य में लगे थे, लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी के कारण कैंप में ही आराम कर रहे थे। इस बीच, अचानक हिमस्खलन हुआ और मजदूरों के लिए हालात गंभीर हो गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 4 की मौत, 5 लापता
घटना की सूचना मिलते ही भारतीय सेना और बीआरओ ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पीआरओ डिफेंस देहरादून के मुताबिक, हिमस्खलन में दबे चार मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि पांच अभी भी लापता हैं। 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
मुख्यमंत्री धामी पहुंचे जोशीमठ, घायलों से की मुलाकात
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सुबह जोशीमठ आर्मी हेलीपैड पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने पहले घटना स्थल का हवाई निरीक्षण किया और फिर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया।
छह हेलिकॉप्टर तैनात, बचाव कार्य तेज
सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण सेना ने छह हेलिकॉप्टरों को तैनात किया है, ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। अब तक 50 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से 23 मजदूरों को जोशीमठ पहुंचाया गया है। बीआरओ कर्मियों को भी हवाई मार्ग से निकाला जा रहा है।
बर्फबारी बनी चुनौती, सेना और बीआरओ अलर्ट
लगातार हो रही बर्फबारी और खराब मौसम के चलते बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन सेना और बीआरओ के जवान लगातार लापता मजदूरों की तलाश में जुटे हुए हैं। सेना के बड़े अधिकारी भी हालात का जायजा लेने जोशीमठ पहुंच चुके हैं।
सरकार और प्रशासन अलर्ट
उत्तराखंड सरकार ने प्रभावित मजदूरों और उनके परिवारों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।