स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजल्वाण को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के मामले में दायर याचिका में सुनवाई सरकार के बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें बहाल कर दिया है। न्यायालय ने ये भी कहा कि एस.आई.टी.की जाँच जारी रहेगी और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाय।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सजंय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने आज मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। मामले के अनुसार, अध्यक्ष ने याचिका दायर कर कहा कि कुछ सदस्यों ने उनके खिलाफ मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी । शिकायत में सरकारी धन के दुरुपयोग के साथ करोड़ो रूपये की अनियमितता का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण की जांच के लिए सचिव पंचायती राज को आदेश दिए थे। सचिव पंचायती राज राज ने इसकी जांच जिलाधिकारी उत्तरकाशी से कराई जिन्होंने जाँच रिपोर्ट में अन्यमीताएँ बरतने की आंशिक पुष्टि की। उसके बाद सरकार ने इस मामले की जाँच 21 जून 2021 को कमिश्नर गढ़वाल से कराई। सरकार ने पंचायती राज एक्ट की धारा 138(1)(घ)(iv) के तहत अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एक अकटुबर 2021 को अध्यक्ष ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कोई वित्तीय अनियमितता नही की है। यह शिकायत उनके खिलाफ राजनैतिक दुर्भावना से की गई है । याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने एक शिकायती पत्र पर जांच के आदेश दे दिए जबकि विभाग ने ऐसा कुछ नहीं किया। जाँच एजेंसी ने किसी भी तरह की नियमावली का पालन नहीं किया। शिकायतकर्ता का कहना है कि इन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है, इन्होंने निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया है । करोड़ो रूपये का फर्जी निर्माण कार्य दिखाया गया है और मजदूरों के फर्जी मास्टर रोल भरे गए है। इस शिकायत को आधार मानकर उन्हें 7 जनवरी 2022 को सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटा दिया जिसपर रोक लगाई जाए और उन्हें बहाल किया जाय, क्योंकि वे जनप्रतिनिधी हैं और उन्हें सेवा के लिए जनता ने चुना है।