अनुज नेगी
देहरादून।
उत्तराखंड का सबसे भ्रष्ट विभाग कह जाने वाले लोक निर्माण विभाग में ऱिश्वतखोरी का खेल रुकने का नाम ही नही ले रहा है। भ्रष्ट विभाग के भ्रष्ट अधिकारी ऱिश्वतखोरी में लगे हुए है।
मामला हल्द्वानी का है जहां उत्तराखंड विजिलेंस डीआईजी अरुण मोहन जोशी के नेतृत्व में आज हल्द्वानी विजिलेंस की टीम ने नेशनल हाईवे हल्द्वानी के अधिशासी अभियंता(ईई) और सहायक अभियंता (एई) को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। विजिलेंस की इस कार्यवही से भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं विजिलेंस की टीम दोनों भ्रष्टाचारियों से पूछताछ कर रही है।
विजिलेंस के एसपी मुख्यालय धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि, हल्द्वानी टीम ने यह कार्रवाई की है। मामले में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपी अधिशासी अभियंता का नाम महिपाल कालाकोटी और सहायक अभियंता का नाम यतेंद्र कांडपाल बताया गया है। आरोपियों को एक लाख रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, किसी बार लाइसेंस के लिए एनओसी देने को लेकर दोनों अधिकारियों द्वारा लाइसेंस आवेदक से एक लाख की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने आज दोनों अधिकारियों को राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोक निर्माण विभाग रानीखेत के कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी विजिलेंस राजेश भट्ट के नेतृत्व में कुमाऊं की विजिलेंस टीम ने आज रानीखेत के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोक निर्माण विभाग के कार्यालय से रिश्वत लेने के दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई अभी जारी है।