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वरुणावत पीड़ितों के हक पर डाका! विवाद, बवाल और सवाल!

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सब्जी मंडी मे विवाद के बाद पुलिस फोर्स तैनात

1980 के स्थायी दुकानदारों को छोड़कर ठेली  वालों को सब्जी मंडी के नाम पर तीन लाख मे स्थायी दुकान देने का आरोप

पालिका बोर्ड मे बिना प्रस्ताव पारित हुए बेच दी दुकान ।

वर्ष 2003 मे वरुणावत आपदा पीड़ितों तो की नहीं दी पालिका ने दुकान ।

हाइकोर्ट के आदेश का भी पालिका ने नहीं किया अनुपालन वरुणावत पीड़ितों ने शनिवार को अपनी दुकान की जगह पर कब्जे की दी थी चेतावनी ।

उत्तरकाशी गंगोत्री राजमार्ग पर सब्जी  मंडी निर्माण  के नाम पर बिना पालिका बोर्ड मे प्रस्ताव पारित किए ही नगर पालिका ने 40 खोका धारकों को टेंडर निकाल कर गंगोत्री राजमार्ग पर दुकाने आवंटित कर दी । पालिका उत्तरकाशी ने वर्ष 2015 मे 50 हजार की पहली किस्त  जमा करने के बाद खोकाधारकों को  खुद दुकान निर्मित करने के मौखिक आदेश दे डाले ।सुचना  मिलने पर वर्ष 1980 से काबिज स्थायी दुकानदार भड़क गए और उन्होने रविवार को राजमार्ग से सब्जी मंडी हटाकर अपनी दुकान की जगह पर कब्जा लेने की चेतावनी दी  जिसके बाद तनातनी के माहौल को देखते हुए पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दी गयी ।

दरअसल उत्तरकाशी मे गंगोत्री राजमार्ग पर रामलीला मैदान से लगे हिस्से मे नगर पालिका और जिला पंचायत की स्थायी दुकानें थी जो वर्ष 2003 मे वरुणवात आपदा के दौरान ध्वस्त हो गयी थी । तब से लेकर आज तक नगर पालिका ने तिलोथ कॉम्प्लेक्स और वरुणा कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर सैकड़ों दुकानें बनाई गई  किन्तु वरुणावत पीड़ितों को तब  भी दुकान नहीं दी । परेशान पीड़ितों की मांग पर  हाइ कोर्ट ने पालिका और जिला प्रशासन को निर्देश दिये थे कि  पालिका द्वारा बनाए गयी दुकानों मे वरुवरुणावत पीड़ितों को प्राथमिकता के आधार पर दुकान दी जाय किन्तु इसका पालन नहीं हुआ। गुस्साये पीड़ितों ने बीजेपी नेता सुरेन्द्र चौहान की अगुवाई मे सब्जी मंडी को हटा कर अपने दुकान की जगह पर खुद कब्जा लेने की चेतावनी दी है ।

आरोप है कि  नगर पालिका ने बिना बोर्ड मे प्रस्ताव पारित किए सब्जी मंडी के नाम पर व्यापारियों से तीन लाख की मांग की और वर्ष 2015 मे 50 हजार रु अग्रिम भी ले लिए और अब व्यापारियों को खुद दुकान निर्माण के लिए मौखिक आदेश दे दिए | सब्जी विक्रेता तसदीक खान की माने तो पालिका कर्मी की देख रेख मे ही निर्माण  कार्य चल रहा है | पालिका सभासद हरीश डंगवाल कि माने तो सब्जी मंडी का प्रस्ताव तो बोर्ड मे कई बार आया किन्तु कमियों के चलते पास नहीं हो सका।

सूचना मिलते ही वरुणावत पीड़ितों ने पालिका और जिला प्रशासन से विरोध जताया  तो पालिका ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया । शनिवार को गुस्साये पीड़ित सब्जी मंडी पंहुचे और मंडी मे अपनी दुकान की जगह खाली करने की चेतावनी दे दी। आपदा पीड़ितोंं ने रविवार आज से अपनी दुकान पर कब्जा लेने की चेतावनी दी है।

पुलिस के सीओ और एसडीएम देवेंद्र नेगी ने सभी पक्षों के साथ बैठकर समाधान निकालने का भरोसा दिया है। फिलहाल आग तो बुझ गयी है किन्तु धुआं अभी भी बाकी है ।

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